Bhopal News: मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सीरप के उपयोग और बिक्री पर रोक लगा दी है। यह कदम तमिलनाडु और केरल के बाद उठाया गया है। इस सीरप को श्रीसन कंपनी बनाती है। कंपनी की उत्पादन इकाई तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। प्रदेश सरकार ने कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी रोक लगाई है।
तमिलनाडु सरकार के औषधि प्रशासन विभाग ने जांच में चौंकाने वाले तथ्य खोजे। उन्होंने कंपनी की उत्पादन इकाई से सीरप के सैंपल लेकर जांच की। एसआर-13 बैच में हानिकारक केमिकल डायथिलीन ग्लाइकल बहुत अधिक मात्रा में पाया गया। यह केमिकल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।
छिंदवाड़ा में बच्चों की हुई मौत
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कई बच्चों की मौत हो गई। शनिवार को एक बच्ची का नागपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। अब तक यहां दस बच्चों ने दम तोड़ दिया है। बारह बच्चों का अभी भी नागपुर में उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मृतक बच्चों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।
छिंदवाड़ा में बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार के बाद पेशाब रुकने की समस्या हुई। किडनी फेल होने से उनकी मौत का सिलसिला शुरू हुआ। चार सितंबर को पहली मौत सामने आई थी। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई। बाद में कलेक्टर के निर्देश पर छिंदवाड़ा में कफ सीरप प्रतिबंधित किया गया।
तमिलनाडु की रिपोर्ट में खुलासा
मध्य प्रदेश के नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन दिनेश मौर्य ने जानकारी दी। तमिलनाडु की रिपोर्ट में डाइथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा 48.6 प्रतिशत पाई गई। यह निर्धारित सीमा 0.1 प्रतिशत से बहुत अधिक है। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक साबित होता है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने पहले कहा था कि नौ सैंपलों की रिपोर्ट में हानिकारक तत्व नहीं मिले। हैरानी की बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार अब तक कोल्ड्रिफ सीरप की जांच नहीं करा पाई। एक सप्ताह पहले केंद्र और राज्य की टीम ने 19 सैंपल लिए थे। उनमें से नौ की रिपोर्ट आई है जिनमें कोल्ड्रिफ शामिल नहीं है।
राजस्थान में भी मौत का सिलसिला
राजस्थान के चूरू में खांसी की सीरप से शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। प्रदेश सरकार ने खांसी की सीरप बनाने वाली जयपुर स्थित कंपनी कायसन फार्मा की सभी 19 दवाओं पर रोक लगा दी है। ये दवाएं मुख्यमंत्री की निश्शुल्क दवा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में वितरित की जाती थीं।
चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दावा किया कि किसी बच्चे की मौत खांसी की दवा से नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि दवा की प्रदेश की लैब में जांच की गई और यह सुरक्षित पाई गई। सीरप पीने से एक बच्चे की मौत सीकर और दो की भरतपुर में हो चुकी है।
केरल ने भी लगाया प्रतिबंध
केरल सरकार ने भी कोल्ड्रिफ कफ सीरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को इसकी घोषणा की। राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने एहतियात के तौर पर इस उत्पाद की सभी बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान से पिछले महीने कम से कम ग्यारह बच्चों की मौत की खबरें आई थीं। इन घटनाओं के बाद केरल कोल्ड्रिफ सीरप पर रोक लगाने वाला नवीनतम राज्य बन गया है। स्वास्थ्य अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
