शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

गर्भावस्था में सर्दी: इन 5 गलतियों से बचकर रखें अपना और शिशु का ख्याल

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Health News: सर्दियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियां लाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय विशेष सावधानी मांगता है। ठंड के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ सकती है। इससे संक्रमण और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। शरीर को गर्माहट और पोषण की अधिक आवश्यकता होती है। यह आवश्यक है माँ और शिशु दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए।

ठंडा तापमान रक्त संचार को प्रभावित करता है। इससे हाथ-पैर सुन्न होने और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार का जोखिम भी रहता है। अगर सही देखभाल न मिले तो ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।

पानी कम पीना सबसे बड़ी भूल

डॉक्टरोंके अनुसार सर्दियों में कम पानी पीना आम गलती है। ठंड में प्यास कम लगती है, पर शरीर को उतनी ही तरलता की जरूरत होती है। पर्याप्त पानी न पीने से निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है। यह समस्या गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक है। शरीर के सभी कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए पानी जरूरी है।

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ठंड से सीधे संपर्क में आना

दूसरीप्रमुख गलती है पर्याप्त गर्म कपड़े न पहनना। लंबे समय तक ठंडी जगह पर बैठने से शरीर का तापमान गिर सकता है। इससे ठंड लगने और फ्लू होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्भवती महिला को हमेशा स्वयं को गर्म और सूखा रखना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता के ऊनी कपड़े इस मौसम में सहायक होते हैं।

भारी भोजन और विटामिन डी की कमी

सर्दियोंमें अक्सर लोग भारी और तले भोजन का सेवन बढ़ा देते हैं। इससे पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। गैस और सुस्ती महसूस होना आम है। साथ ही धूप से दूरी विटामिन डी के स्तर को गिरा देती है। विटामिन डी की कमी हड्डियों और मनोदशा दोनों को प्रभावित करती है।

शारीरिक गतिविधि का अभाव

सर्दीमें अक्सर लोग व्यायाम करने से कतराते हैं। गर्भावस्था में हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी है। इससे शरीर में जकड़न नहीं आती और रक्त प्रवाह ठीक रहता है। लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचना चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेकर सुरक्षित व्यायाम का नियमित अभ्यास करें।

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गर्भावस्था में सर्दी के अन्य महत्वपूर्ण पहलू

गर्भवतीमहिलाओं को दिन में कम से कम 15-20 मिनट धूप जरूर लेनी चाहिए। यह विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत है। आहार में गर्म सूप, दलिया और सूखे मेवों को शामिल करना फायदेमंद है। ये खाद्य पदार्थ ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं। पर्याप्त नींद और आराम का भी विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

किसी भी प्रकार की दवा बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं लेनी चाहिए। यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। घर के वातावरण को साफ और गर्म रखना भी महत्वपूर्ण है। स्वच्छता बनाए रखने से संक्रमण का खतरा कम होता है। इन साधारण उपायों को अपनाकर सर्दी का मौसम सुरक्षित रूप से कट सकता है।

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