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तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025 को मिली संसद की मंजूरी, विपक्ष के हंगामे के बीच हुआ पारित

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India News: संसद ने 7 अगस्त 2025 को तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025 को मंजूरी दी। राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनिमत से पास हुआ। लोकसभा में यह पहले पारित हो चुका था। मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने विधेयक पेश किया। यह भारतीय जहाजों को तटीय व्यापार में बढ़ावा देगा। बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सदन की बैठक स्थगित हुई।

विधेयक का उद्देश्य

सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि विधेयक भारतीय जहाजों को प्रोत्साहित करेगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। तटीय व्यापार में भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाले जहाजों की भागीदारी बढ़ेगी। बुनियादी ढांचा सुधरेगा। सामरिक सैन्य योजनाओं को बल मिलेगा। विधेयक तटीय नौवहन को किफायती बनाएगा। भारत की 7516 किमी तटरेखा का उपयोग होगा। परिवहन में जलमार्ग की हिस्सेदारी बढ़ेगी। यह विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

विपक्ष का हंगामा

राज्यसभा में विपक्ष ने बिहार के मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की। मल्लिकार्जुन खरगे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। जेपी नड्डा ने विधेयक की अहमियत बताई। द्रमुक और कांग्रेस नेताओं ने भी विरोध जताया। पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने आपत्तियां खारिज कीं। हंगामे के बीच विधेयक पर चर्चा हुई। ध्वनिमत से मंजूरी मिली।

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तटीय नौवहन की स्थिति

भाजपा की दर्शना सिंह ने कहा कि भारत की तटरेखा विशाल है। तटीय नौवहन की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हुआ। यह सस्ता और किफायती है। फिर भी परिवहन में इसकी हिस्सेदारी कम है। विधेयक नौवहन क्षमता बढ़ाएगा। वाईएसआरसीपी के गोला बाबूराव ने कहा कि बिना लाइसेंस वाले विदेशी जहाज रुकेंगे। भारतीय कंपनियों को फायदा होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मछुआरों के हित

अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै ने मछुआरों के संरक्षण की बात उठाई। उन्होंने नीतियों में संवेदनशीलता की मांग की। बंदरगाह और समुद्री व्यापार में मछुआरों के हित सुरक्षित हों। भाजपा की कल्पना सैनी ने कहा कि विधेयक राष्ट्रीय नौवहन रणनीति बनाएगा। शिवसेना के मिलिंद देवरा ने जलमार्ग की किफायती ढुलाई पर जोर दिया। विधेयक से परिवहन लागत कम होगी। यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।

परिवहन में जलमार्ग की हिस्सेदारी

फिलहाल जलमार्ग से केवल 2% परिवहन होता है। सड़क से 66% और रेल से 31% माल ढुलाई होती है। समुद्री मार्ग से ढुलाई सस्ती है। यह 20 पैसे प्रति टन प्रति किमी खर्च लेता है। रेल से 1.20-1.50 रुपये और सड़क से 2-3 रुपये खर्च होता है। विधेयक जलमार्ग की हिस्सेदारी बढ़ाएगा। यह नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी को सपोर्ट करेगा। लागत को एकल अंक में लाने में मदद मिलेगी।

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रोजगार और निवेश

तेदेपा के मस्तान राव ने कहा कि विधेयक 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा। तटीय सुरक्षा मजबूत होगी। भारतीय जलक्षेत्र में स्वदेशी जहाजों को प्राथमिकता मिलेगी। रोजगार के नए अवसर बनेंगे। भाजपा के ब्रजलाल ने कहा कि 7516 किमी तटरेखा का उपयोग बढ़ेगा। समुद्री व्यापार में भारतीय जहाजों की भागीदारी कम थी। यह विधेयक इसे बढ़ाएगा। पर्यावरण हितैषी परिवहन को प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्यावरण और लागत

सोनोवाल ने कहा कि समुद्री ढुलाई पर्यावरण के लिए बेहतर है। यह हरित परिवहन को बढ़ावा देता है। माल ढुलाई की लागत कम होगी। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का लक्ष्य लागत घटाना है। समुद्री मार्ग से ढुलाई को लोकप्रिय बनाना होगा। विधेयक से परिवहन का ढांचा मजबूत होगा। भारतीय जहाजों की गतिविधियां बढ़ेंगी। यह विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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