इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन है और इससे निपटने के लिए अमेरिका ने करीब 10 साल पहले एक गठबंधन बनाया था. इसमें दुनिया भर के सभी देश शामिल हैं। अब फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास से निपटने के लिए भी ऐसी ही रणनीति बनाई जा रही है.
क्या फ़िलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास को ख़त्म किया जा सकता है? इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कह रहे हैं कि जब तक हमास खत्म नहीं हो जाता, युद्ध जारी रहेगा.
बेंजामिन नेतन्याहू कई बार हमास को इस्लामिक स्टेट से भी बदतर बता चुके हैं. इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने भी मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि हमास इतिहास में आईएसआईएस से भी ज्यादा क्रूर है।
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इजरायल पहुंचे. वहां उन्होंने हमास से निपटने का ‘फॉर्मूला’ दिया. उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का दायरा हमास तक बढ़ाया जाए.
जब मैक्रों ये बात कह रहे थे तो उनके साथ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी मौजूद थे. मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और इजराइल आतंकवाद को अपना साझा दुश्मन मानते हैं.
वह अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन क्या है?
जब इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया की क्रूरता बढ़ने लगी तो उससे लड़ने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाया गया.
इसमें अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और सऊदी अरब समेत 86 देश शामिल हैं। इनके अलावा नाटो और यूरोपीय संघ भी इसके सदस्य हैं।
यह गठबंधन 2014 में बना था. तब से यह इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहा है.
इस गठबंधन में शामिल सभी देश इस्लामिक स्टेट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वे न सिर्फ इस्लामिक स्टेट से सैन्य तौर पर लड़ रहे हैं, बल्कि उसकी फंडिंग और प्रचार-प्रसार भी रोक रहे हैं.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल देश इराकी सेना को ट्रेनिंग भी देते हैं. वे आपस में सूचनाएं साझा करते हैं और आतंकवाद की फंडिंग भी रोकते हैं.
क्या हमास से निपटने के लिए ऐसा हो सकता है?
जिस तरह से इस्लामिक स्टेट से निपटने के लिए रणनीति अपनाई गई. अब हमास से निपटने के लिए भी यही रणनीति बनाई जा रही है.
समाचार एजेंसी ने कहा कि अमेरिका हमास से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहा है. यूरोप से लेकर अरब देशों तक बैठकें चल रही हैं.
एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि अमेरिका का लक्ष्य हमास की फंडिंग को निशाना बनाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाना है.
अमेरिका के डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी वैली एडेइमो ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने के लिए जो रणनीति अपनाई गई थी, वही रणनीति यहां भी इस्तेमाल की जाएगी।
ट्रेजरी अंडर सेक्रेटरी फॉर फाइनेंशियल एंड इंटेलिजेंस ब्रिएल नेल्सन भी इस सिलसिले में इस हफ्ते कतर और सऊदी अरब का दौरा कर रहे हैं।
क्या इस्लामिक स्टेट ख़त्म हो जाएगा?
इस्लामिक स्टेट को दाएश, इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया और लेवंत जैसे नामों से भी जाना जाता है। यह आतंकी संगठन अल-कायदा से अलग होकर बना था.
फरवरी 2014 तक अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट एक साथ काम करते थे. लेकिन बाद में अल-कायदा ने खुद को अलग कर लिया. इसी साल बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया. 2014 में ही इस्लामिक स्टेट ने इराक और सीरिया में खिलाफत यानी खिलाफत का शासन घोषित कर दिया था. इसके बाद ही इस्लामिक स्टेट खुलकर दुनिया के सामने आया.
अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2017 में इराक और 2019 में सीरिया से इस्लामिक स्टेट के खात्मे की घोषणा की थी. हालांकि, इस आतंकी संगठन के स्लीपर सेल अभी भी इराक और सीरिया में सक्रिय हैं.
27 अक्टूबर 2019 को अमेरिका ने अबू बक्र अल-बगदादी के मारे जाने की घोषणा की. अमेरिका ने कहा कि बगदादी ने अमेरिकी सेना के ऑपरेशन के दौरान खुद को उड़ा लिया. बगदादी के साथ उसकी पत्नी और बच्चे भी मारे गए.
पिछले साल 3 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी की हत्या की बात कही थी. हालांकि, इस्लामिक स्टेट ने 10 मार्च को इसकी पुष्टि की थी. अबू इब्राहिम सीरिया के इदलिब प्रांत की एक इमारत में छिपा हुआ था. जब अमेरिकी सेना ने उसे घेर लिया तो बगदादी की तरह उसने भी खुद को बम से उड़ा लिया. इस धमाके में अबू इब्राहिम, उनकी पत्नी और दो बच्चे भी मारे गए.
उसके बाद अबु अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी इस्लामिक स्टेट का प्रमुख बना, जो पिछले साल दिसंबर में मारा गया था. इसके बाद अबु अल-हुसैन अल-हुसैनी अल-कुरैशी को इस्लामिक स्टेट का प्रमुख बनाया गया.