Solan News: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में अर्की के दाड़लाघाट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यक्रम में हुई नारेबाजी के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह घटना बीते शनिवार की है जब सीएम की जनसभा में पहुंची छात्राओं ने लंच ना मिलने का विरोध जताया। छात्राओं ने ‘सुक्खू ने बुलाया है, भूखे ही तड़फाया है’ जैसे नारे लगाए। इसके बाद अर्की के दाड़लाघाट थाने में इस मामले में केस दर्ज हुआ है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से दूध प्रोत्साहन योजना और परिवहन अनुदान योजना की शुरुआत की थी। लेकिन कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं की भीड़ ने लंच ना मिलने पर नारेबाजी शुरू कर दी। एक छात्रा ने वीडियो में कहा कि सुक्खू जी के राज में उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है। उसने आरोप लगाया कि उनके साथ आए शिक्षकों को वहां से भगा दिया गया।
छात्रा ने आगे बताया कि इतनी सारी जनता आई थी और सभी को डेढ़ घंटे से भूखा बैठाया गया था। बताया जा रहा है कि इन छात्राओं को आधिकारिक तौर पर कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था। इस पूरे प्रकरण के बाद पुलिस ने छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। सोलन के एसपी गौरव सिंह से इस बारे में बातचीत के लिए राइट न्यूज इंडिया द्वारा किए गए प्रयास सफल नहीं रहे।
भाजपा ने सरकार पर साधा निशाना
इस मामले पर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार छात्रों को भोजन देने वाली नहीं बल्कि उन पर मुकदमा करने वाली सरकार है। भाजपा के पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या छात्राओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना उचित है।
गोविंद सिंह ठाकुर ने पूछा कि जहां सरकार के मंत्रियों और नेताओं के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन होते हैं तो तुरंत एफआईआर हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाने पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने मांग की कि छात्राओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
भाजपा ने कहा- तानाशाही सरकार
भाजपा के विधायक एवं वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक जमवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में महातानाशाही वाली कांग्रेस सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बात-बात पर भोली-भाली जनता पर केस करने में आगे रहती है। जमवाल ने कहा कि छोटी बच्चियों और जनता द्वारा भोजन ना मिलने पर की गई नारेबाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अति निंदनीय है।
उन्होंने दावा किया कि इस प्रकार की प्रतिशोध की राजनीति हिमाचल प्रदेश में पहले कभी नहीं देखी गई। भाजपा नेताओं का कहना है कि सरकार को जनता की समस्याओं का समाधान करना चाहिए न कि उनके विरोध करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। इस मामले ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।
कार्यक्रम में लॉन्च हुई थीं नई योजनाएं
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से दो महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की थी। दूध प्रोत्साहन योजना और परिवहन अनुदान योजना को लॉन्च किया गया था। ये योजनाएं क्षेत्र के विकास और लोगों के कल्याण के लिए शुरू की गई थीं। लेकिन छात्राओं के विरोध ने कार्यक्रम का फोकस बदल दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था। प्रशासन ने भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी जिसके कारण लोगों को लंबे समय तक भूखा रहना पड़ा। इससे लोगों में नाराजगी फैली और उन्होंने विरोध जताया। छात्राओं के विरोध के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल
पुलिस द्वारा छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज करने के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह लोकतंत्र में विरोध जताने के अधिकार पर हमला है। उनका तर्क है कि अगर प्रशासन ने भोजन की उचित व्यवस्था की होती तो यह स्थिति पैदा नहीं होती। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है।
राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। जनता की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस मामले ने सरकार और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना है कि सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।
छात्राओं के विरोध ने बढ़ाई मुश्किलें
छात्राओं द्वारा की गई नारेबाजी ने सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। सत्तारूढ़ दल के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि युवा और छात्र मतदाता चुनावी समीकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार के पास अब इस मामले को संवेदनशीलता से निपटाने की चुनौती है। विपक्ष इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को कार्यक्रमों की बेहतर योजना बनानी चाहिए। बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद हो तो भोजन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखनी चाहिए। इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में इस तरह की गलतियों से बचा जा सकता है। अब सभी की नजरें इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं।
