Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पेंशनरों की लंबित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। हिमाचल प्रदेश पेंशनर ज्वाइंट फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में सीएम ने एक महीने के अंदर लंबित चिकित्सा बिलों के भुगतान का ऐलान किया। उन्होंने सभी अन्य मांगों पर सकारात्मक विचार का भरोसा भी दिलाया।
मुख्यमंत्री ने 17 दिसंबर को मनाए जाने वाले पेंशनर दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शिरकत करने की भी हामी भरी। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पेंशनरों के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रदेश के विकास में पूर्व कर्मचारियों के योगदान को भी रेखांकित किया।
पेंशनर नेताओं ने जताई संतुष्टि
हिमाचल प्रदेश पेंशनर ज्वाइंट फ्रंट केअध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ अच्छे माहौल में विस्तृत चर्चा हुई। उन्हें उम्मीद है कि पेंशनरों की सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा।
शर्मा ने बताया कि सीएम ने अप्रैल महीने तक खंड स्तर पर पेंशनर संगठनों के गठन का भी आश्वासन दिया है। इससे जमीनी स्तर पर पेंशनरों की समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंच सकेंगी। यह कदम पारदर्शिता और बेहतर संवाद को बढ़ावा देगा।
रैली के बाद मिली बैठक
इस मुलाकात सेपहले पेंशनरों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार आवाज उठाई थी। पेंशनरों की संयुक्त संघर्ष समिति ने 28 नवंबर को धर्मशाला में एक बड़ी रैली निकाली थी। यह रैली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित की गई थी।
रैली में पेंशनरों ने सरकार से जेसीसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। उनका आरोप था कि कई वर्षों से उनकी वित्तीय मांगें लटकी हुई हैं। इस रैली ने सरकार का ध्यान इस मुद्दे की तरफ गंभीरता से खींचा।
क्या हैं पेंशनरों की प्रमुख मांगें
पेंशनर संगठनोंका कहना है कि 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2021 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को अभी तक कई लाभ नहीं मिले हैं। इनमें संशोधित लीव इनकैशमेंट, कम्यूटेशन और ग्रेच्युटी की राशि शामिल है। यह मामला कई वर्षों से लंबित चला आ रहा है।
इसके अलावा पेंशनरों को 13 प्रतिशत मंहगाई भत्ता भी नहीं मिल रहा है। सबसे बड़ी समस्या तीन वर्षों से लंबित चिकित्सकीय बिलों की है। अब मुख्यमंत्री ने इन बिलों के भुगतान के लिए एक महीने की समयसीमा तय की है।
हिमाचल प्रदेश सरकार पेंशनरों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामाजिक सुरक्षा उपाय शामिल हैं। इस नई घोषणा से पेंशनरों को त्वरित राहत मिलने की उम्मीद है।
पेंशनर समुदाय राज्य की एक महत्वपूर्ण जनसंख्या है। उनकी आर्थिक सुरक्षा सामाजिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। सरकार का यह कदम इस दिशा में एक सार्थक पहल मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल में कई जनहितैषी निर्णय लिए हैं। पेंशनरों की मांगों पर त्वरित कार्रवाई भी उनकी इसी नीति का हिस्सा है। अब देखना है कि यह घोषणा कितनी जल्दी जमीन पर उतरती है।
