Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कड़ा पलटवार किया है। अर्की में हुए एक कार्यक्रम को लेकर भाजपा की आलोचना पर सीएम ने उन्हें किसान विरोधी और बागबानी विरोधी बताया। मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने भाजपा पर झूठा विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्की का कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी का था। इसमें उनकी सोसायटीज के लोग शामिल हुए थे। भोजन की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल से सौ मीटर दूर की गई थी। सीएम ने दावा किया कि एबीवीपी के कार्यकर्ता वहां बैठकर तालियां बजा रहे थे। उन्होंने इस पर सवाल उठाया।
सीएम ने बताया विवाद का मकसद
मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि इस पूरे विवाद का एकमात्र मकसद वीडियो बनाना था। उन्होंने भाजपा पर सोशल मीडिया के लिए झूठा कंटेंट तैयार करने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि भाजपा का बालूगंज में एक सेल खुला है। इस सेल में उन्हें बदनाम करने की रणनीति बनाई जा रही है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अगर भाजपा कार्यकर्ताओं को भोजन नहीं मिला तो उन्हें वहां से चले जाना चाहिए था। उन्होंने एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज हुई है। सीएम ने कहा कि एबीवीपी की कार्यकर्ताओं को पता होना चाहिए था कि वह किस कार्यक्रम में जा रही हैं।
बरठीं बस हादसे में मृतकों के परिजनों को मिलेगी मदद
बिलासपुर जिले के बरठीं में हुए भीषण बस हादसे ने पूरे प्रदेश को दुखी कर दिया है। इस हादसे में सोलह लोगों की मौत हो गई है। बस में अठारह यात्री सवार थे जिनमें से केवल दो ही बच पाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सरकार ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं।
सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी थी। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भी मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
बस हादसे की भीषणता
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस पूरी तरह से मलबे में दब गई थी। एक शव को बुधवार सुबह तक निकाला जा सका था। बचाव कार्य में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमों ने रातभर काम किया। हादसे में मारे गए लोगों में अधिकतर एक ही परिवार के सदस्य बताए जा रहे हैं।
इस हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। कई लोगों के सामने अपने पूरे परिवार को खोने की त्रासदी आ गई है। सरकारी मदद से उनके जख्म भले ही न भरें लेकिन आर्थिक तौर पर थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। प्रशासन हादसे के कारणों की जांच में जुट गया है।
