7.4 C
Shimla
Thursday, March 23, 2023

सीएम और राज्यपाल संवैधानिक दायित्व को न भूलें: SC की पंजाब मुख्यमंत्री और राज्यपाल को नसीहत

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान को संवैधानिक दायित्वों की याद दिलाते हुए संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब विधानसभा सत्र को बुलाने को लेकर राज्यपाल और पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच चल रहे झगड़े के मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनैतिक मतभेद स्वीकार्य हैं। लेकिन ये स्तर को नीचे किये बगैर औचित्य और परिपक्वता की भावना से होना चाहिए।

मुख्यमंत्री राज्यपाल को जवाब देते समय असंयमित नहीं हो सकते: कोर्ट

पीठ की अगुवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब राज्यपाल आपसे (मुख्यमंत्री से) कानून या किसी अन्य चीज पर जानकारी देने को कहते हैं तो आप राज्यपाल को वह जानकारी देने को बाध्य हैं। जैसे कि आपने किस आधार पर शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा।

इसी तरह जब मंत्रिपरिषद बजट सत्र बुलाने का निर्णय लेती है, तो राज्यपाल यह नहीं कह सकते कि वह इस पर कानूनी राय लेंगे। पीठ में शामिल दूसरे न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा ने कहा कि आप (मुख्यमंत्री) राज्यपाल को जवाब देते समय असंयमित नहीं हो सकते और आप (राज्यपाल) भी सत्र को रोक नहीं सकते।

कोर्ट ने आदेश में कहा कि राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होता है जो मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करता है। यह वह क्षेत्र नहीं है जिसमें राज्यपाल विवेकाधिकार से काम करे क्योंकि वह आम चुनाव के बाद सत्र का आह्वान नहीं कर रहा, बल्कि एक चुनी हुई सरकार में बजट सत्र का आह्वान कर रहा है। हालांकि सुनवाई के दौरान जब कोर्ट को बताया गया कि राज्यपाल ने पंजाब विधानसभा का बजट सत्र बुलाने का आदेश जारी कर दिया है तो कोर्ट ने इस संबंध में आदेश मांगने वाली पंजाब सरकार की याचिका निपटा दी।

राज्यपाल ने 3 मार्च को पंजाब विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की अनुमति दी

मंगलवार की सुबह पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीजेआइ की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए जल्दी सुनवाई का अनुरोध किय। सीजेआइ चंद्रचूड़ ने मामले पर दोपहर बाद 3.50 पर सुनवाई करने की मंजूरी दी। दोपहर बाद जब मामला विधिवत सुनवाई पर आया तो राज्यपाल के प्रधान सचिव की ओर से पेश सालिसटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल ने 3 मार्च को पंजाब विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है।

पंजाब सरकार की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस आदेश के बाद शायद याचिका महत्वहीन हो गई है लेकिन फिर भी कोर्ट जरा मामले को तो देखे। संविधान के मुताबिक विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में मंत्रिपरिषद की सलाह बाध्यकारी है।

कोर्ट में सीएम और राज्यपाल के संवाद को लेकर हुई चर्चा

यहां राज्यपाल संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर सालिसिटर जनरल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्यपाल को भेजे गए पत्र की ओर कोर्ट का ध्यान खीचते हुए कहा कि देखिए ये किस स्तर का संवाद कर रहे हैं। और ये मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल को संबोधित आधिकारिक भाषा है।

कृपया इसे देखा जाए। मेहता ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में मुख्यमंत्री राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी देने को बाध्य हैं जबकि यहां मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं। ऐसा ही इन्होंने ट्वीट किया था। जिसके बाद राज्यपाल ने कहा था कि आपका ट्वीट और पत्र दोनों में प्रयुक्त भाषा न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि अपमानजनक है इसलिए वे इस मुद्दे पर कानूनी राय लेने को बाध्य हैं।

Latest news
Related news