Uttarakhand News: उत्तरकाशी के धराली में बादल फटना की घटना ने भयावह तबाही मचाई। खीर गंगा का जलस्तर बढ़ने से मलबा और पानी तेजी से बस्ती में घुसा। 30 सेकंड में कई इमारतें मलबे में दब गईं। लगभग 50-60 लोग लापता हैं। सेना, NDRF, और SDRF ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए। मलबे में दबी इमारतें इस त्रासदी की गंभीरता को दर्शाती हैं। यह हादसा गंगोत्री से 20 किलोमीटर दूर हुआ।
धराली में मची तबाही
धराली गांव गंगोत्री धाम के रास्ते में महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह हर्षिल से कुछ किलोमीटर दूर है। बादल फटना की घटना के बाद खीर गंगा में आए सैलाब ने होटल, घर और दुकानें बहा दीं। वीडियो में दिखा कि मलबा और पानी ने इमारतों को तिनके की तरह उड़ा दिया। कई दो-तीन मंजिला इमारतें पूरी तरह मलबे में दब गईं। केवल कुछ छतें ही दिखाई दे रही हैं।
राहत और बचाव कार्य शुरू
हादसे की सूचना मिलते ही भारतीय सेना, NDRF, और SDRF की टीमें मौके पर पहुंची। उत्तरकाशी पुलिस ने बताया कि बादल फटना से धराली मार्केट को भारी नुकसान हुआ। राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं। पुलिस ने लोगों से नदी से दूरी बनाए रखने की अपील की। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट देखें।
बादल फटने का कारण
बादल फटना तब होता है जब एक घंटे में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो। पहाड़ों में नमी भरे बादल पहाड़ों से टकराते हैं, जिससे यह स्थिति बनती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अगस्त को उत्तरकाशी समेत कई जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। इस घटना ने धराली के होटलों और रेस्टोरेंट्स को भारी नुकसान पहुंचाया। कई पर्यटक भी फंसे हुए हैं।
प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर नजर रखने की बात कही। उन्होंने राहत कार्यों के लिए SDRF, NDRF, और जिला प्रशासन को सक्रिय किया। धामी ने वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा। उत्तरकाशी पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने की सलाह दी। राहत टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्य में जुटी हैं।
धराली का महत्व
धराली गांव गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए अहम पड़ाव है। यह हर्षिल से तीन-चार किलोमीटर दूर है। गंगोत्री तक का रास्ता पहाड़ी है, इसलिए धराली में कई गेस्टहाउस और रेस्टोरेंट हैं। बादल फटना की इस घटना ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को प्रभावित किया। मलबे ने कई होमस्टे और ढाबों को नष्ट कर दिया। प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटा है।
