Uttarakhand News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव के पास मंगलवार दोपहर बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। हर्षिल में भारतीय सेना का कैंप भी प्रभावित हुआ। सेना के 7 से 10 जवान लापता बताए जा रहे हैं। दोपहर 1:45 बजे हुई इस घटना से भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बने। संचार व्यवस्था ठप हो गई। सेना और प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए। प्रभावितों को मदद पहुंचाई जा रही है।
सेना का राहत कार्य शुरू
भारतीय सेना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 150 जवानों को राहत कार्यों के लिए भेजा। बादल फटने से हुए भूस्खलन ने धराली और हर्षिल में भारी नुकसान किया। सेना ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य चल रहे हैं। सेना के कैंप में 7 से 10 जवान लापता हैं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन की वेबसाइट पर आपदा से निपटने की जानकारी उपलब्ध है। सेना स्थिति पर नजर रख रही है।
मुख्यमंत्री ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बादल फटने की घटना को दुखद बताया। उन्होंने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली। प्रशासन को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। धामी ने कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। चिकित्सा और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उत्तरकाशी में आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी रवाना की गई।
भारी नुकसान की स्थिति
बादल फटने की इस घटना ने धराली गांव में भारी तबाही मचाई। भूस्खलन और बाढ़ ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया। हर्षिल के सेना कैंप में भी क्षति हुई। संचार व्यवस्था ठप होने से राहत कार्यों में चुनौतियां आईं। सेना और प्रशासन ने युद्धस्तर पर बचाव कार्य शुरू किए। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने को कहा।
प्रशासन का 24 घंटे अलर्ट
मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए। घायलों को बेहतर इलाज और प्रभावितों को राहत सामग्री देने पर जोर दिया गया। उत्तरकाशी में जिला प्रशासन ने आपात नियंत्रण कक्ष बनाया। सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। धराली और हर्षिल में स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की।
सेना की प्रतिबद्धता
भारतीय सेना ने राहत कार्यों में पूरी प्रतिबद्धता दिखाई। लापता जवानों की खोजबीन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की मदद की जा रही है। सेना ने कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। राहत कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। धराली में हुए नुकसान ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया। प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा और राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी है।
