Uttarakhand News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। मंगलवार को धराली और सुखी टॉप में हुए इस हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग अभी भी लापता हैं। मलबे और तेज जलप्रवाह ने गांवों को तहस-नहस कर दिया। घर, दुकानें और होटल पूरी तरह नष्ट हो गए। राहत कार्य में सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हैं।
धराली गांव में मलबे का कहर
उत्तरकाशी के हर्षिल के पास धराली गांव में दोपहर करीब 1:40 बजे बादल फटने से भारी मलबा और पानी गांव में घुस आया। खीर गंगा क्षेत्र में हुई इस घटना ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया। सैकड़ों टन मलबे ने घरों, होटलों और दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी दीवार की तरह आया और सब कुछ बहा ले गया।
सुखी टॉप में भीषण आपदा
धराली के बाद सुखी टॉप में भी बादल फटने की खबर ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया। इस घटना ने कई परिवारों को बेघर कर दिया। मलबे ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे राहत कार्य में बाधा आई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि चार शव बरामद किए गए हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
चारधाम यात्रा मार्ग पर असर
धराली गांव गंगोत्री धाम के मुख्य हाईवे पर स्थित है। बादल फटने की वजह से सड़कें मलबे से ढक गई हैं। संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। कई यात्री फंसे हुए हैं, जिससे चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम शुरू किए हैं। राहत शिविरों की व्यवस्था भी की जा रही है।
सरकार का त्वरित एक्शन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया और प्रशासन को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम से बात कर केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। अतिरिक्त हेलीकॉप्टर और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। राहत कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल सके।
बचाव कार्य में चुनौतियां
बचाव टीमें मलबे और खराब मौसम के बीच काम कर रही हैं। सड़कों पर जमा मलबा और बाधित संचार व्यवस्था ने राहत कार्य को मुश्किल बना दिया है। स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर प्रभावितों की मदद कर रहे हैं। कई परिवार अपने परिजनों की तलाश में हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है ताकि बचाव कार्य सुचारू रूप से चल सके।
आपदा की यादें ताजा
इस घटना ने साल 2021 की चमोली त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं। सड़कें, घर और दुकानें मलबे के ढेर में बदल गई हैं। लोग अपने बचे हुए सामान के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की व्यवस्था को बहाल करने के लिए भी कदम उठाए हैं। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
