Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में 824 शहरों में 347वें स्थान पर रही। यह परिणाम स्थानीय लोगों के लिए निराशाजनक है। शिमला जिले का ठियोग स्वच्छता में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। हमीरपुर का नादौन दूसरे और शिमला तीसरे स्थान पर रहा। ठियोग ने कचरा प्रबंधन और घरों से कूड़ा संग्रह में बेहतर प्रदर्शन किया। शिमला के महापौर ने सर्वेक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
ठियोग ने मारी बाजी
ठियोग, 20 हजार से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में, स्वच्छता के मामले में अव्वल रहा। इसने घरों से कूड़ा संग्रह और कचरा निपटान में शानदार प्रदर्शन किया। ठियोग का कचरा शिमला नगर निगम के भरयाल संयंत्र में निपटाया जाता है। स्थानीय लोग इस उपलब्धि से खुश हैं, लेकिन कुछ का कहना है कि जमीनी हकीकत अलग हो सकती है। फिर भी, ठियोग ने छोटे शहरों के लिए एक मिसाल कायम की है।
शिमला क्यों रहा पीछे
शिमला को रिहायशी इलाकों और बाजारों की सफाई में कुछ अंक मिले। लेकिन, यह घरों से कूड़ा संग्रह, गीला-सूखा कचरा पृथक्करण, और जल स्रोतों की सफाई में पिछड़ गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में इन मानकों पर शिमला का प्रदर्शन कमजोर रहा। शहर की रैंकिंग 2023 में 188वें स्थान से और नीचे खिसक गई। स्थानीय लोग और प्रशासन इस गिरावट से चिंतित हैं। बेहतर प्रबंधन की जरूरत महसूस की जा रही है।
महापौर ने उठाए सवाल
शिमला के महापौर ने स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि शहर को स्कोच अवार्ड मिला, फिर भी रैंकिंग में अन्याय हुआ। उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई जैसे मानकों में अंक काटे गए, जबकि शिमला में ऐसी नदियां नहीं हैं। महापौर ने मंत्रालय को पत्र लिखकर और कमिशनर के माध्यम से आपत्ति दर्ज करने की बात कही। शहरवासी भी इस रैंकिंग से हैरान हैं।
