शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

CJI DY Chandrachud: मुख्य न्यायाधीश की मां कमलताई गवई को RSS न्योता मामले में भाई ने किया बचाव, कहा- राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध अलग

Share

New Delhi News: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की मां कमलताई गवई को आरएसएस के कार्यक्रम के लिए मिले न्योते पर चर्चा जारी है। उन्होंने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। अब सीजेआई के भाई डॉक्टर राजेंद्र गवई ने इस कदम का बचाव किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध अलग होते हैं।

आरएसएस ने कमलताई गवई को पांच अक्टूबर को अमरावती में होने वाले कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि की सूची में शामिल किया है। डॉक्टर राजेंद्र गवई ने कहा कि यह कार्यक्रम विजयदशमी का मुख्य कार्यक्रम नहीं है। मुख्य कार्यक्रम दो अक्टूबर को नागपुर में आयोजित होगा।

पारिवारिक सदस्य ने दिया स्पष्टीकरण

डॉक्टर राजेंद्र गवई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि उनकी मां को आरएसएस के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्होंने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक रिश्ते अलग-अलग होते हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्णय से उनकी विचारधारा प्रभावित नहीं हुई है। उनकी विचारधारा मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में उन्होंने अपनी विचारधारा को पीछे नहीं छोड़ा है। यह निर्णय व्यक्तिगत संबंधों का मामला है।

यह भी पढ़ें:  पश्चिम बंगाल: सरकार ने फेरा मुंह तो जनता ने खुद खड़ा कर दिया 'गोरखालैंड ब्रिज'

आरएसएस का शताब्दी वर्ष समारोह

आरएसएस इस वर्ष अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर रहा है। संगठन की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलनों सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को संगठन के शताब्दी वर्ष समारोह की पूर्व संध्या पर विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। वह आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की उपस्थिति में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे। यह कार्यक्रम ऐतिहासिक महत्व का है।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आरएसएस की निस्वार्थ सेवा और अनुशासन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संगठन के स्वयंसेवकों के हर कार्य में ‘राष्ट्र प्रथम’ सर्वोच्च होता है। अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने संगठन की स्थापना के इतिहास पर प्रकाश डाला।

यह भी पढ़ें:  सीएम योगी: गजवा-ए-हिंद की सोचने वालों को मिलेगी नर्क जैसी सजा, कड़ी चेतावनी के साथ दिया यह संदेश

उन्होंने कहा कि आरएसएस की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन देश को बौद्धिक गुलामी से मुक्त कराने के लिए की थी। तब से इसकी यात्रा प्रेरणादायक और उल्लेखनीय रही है। प्रधानमंत्री ने हेडगेवार के उत्तराधिकारी एमएस गोलवलकर की भी प्रशंसा की।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा शुरू कर दी है। न्यायपालिका से जुड़े परिवार के सदस्यों के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेने को लेकर विभिन्न मत हैं। कुछ लोग इसे सामान्य सामाजिक गतिविधि मानते हैं। वहीं अन्य इसे न्यायपालिका की तटस्थता पर सवाल उठाते हैं।

संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और उनके परिवारों की सार्वजनिक गतिविधियों पर हमेशा नजर रहती है। इस मामले में परिवार के सदस्य ने स्पष्ट किया है कि यह व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंधों के बीच अंतर स्पष्ट किया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News