New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की मां कमलताई गवई ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है। 84 वर्षीय कमलताई ने एक खुले पत्र में कहा कि विवाद और आलोचनाओं के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्हें पांच अक्टूबर को अमरावती में होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने के लिए आमंत्रित किया गया था।
कमलताई ने बताया कि कार्यक्रम की खबर आते ही उन्हें और उनके दिवंगत पति दादासाहेब गवई को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह आरोप और बदनामी उनके लिए दुखदायी साबित हुई। इसके चलते उन्होंने संघ के समारोह में न जाने का फैसला किया। उनकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति भी इस निर्णय में भूमिका निभा रही है।
आंबेडकरवादी विचारधारा का हवाला
कमलताई गवई ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उनका परिवार डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की विचारधारा से प्रेरित रहा है। उन्होंने कहा कि उनके दिवंगत पति ने पूरा जीवन आंबेडकरवादी आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया था। विभिन्न विचारधाराओं वाले मंच पर अपनी बात रखने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया।
उन्होंने यह भी बताया कि उनके पति अक्सर विपरीत विचारधारा वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शामिल होते थे। वह वंचित वर्गों के मुद्दों को उठाने के लिए ऐसे मंचों का उपयोग करते थे। हालांकि वह आरएसएस के हिंदुत्व विचारधारा को कभी स्वीकार नहीं करते थे। उनका मुख्य उद्देश्य सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाना था।
स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख
कमलताई ने अपने पत्र में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वह वर्तमान में बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य समस्याओं ने भी उनके निर्णय को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि अगर वह कार्यक्रम में शामिल होतीं तो आंबेडकरवादी विचारधारा को सामने रखतीं।
लेकिन आलोचनाओं और स्वास्थ्य समस्याओं ने उन्हें इस कदम से रोक दिया। उन्होंने इस मामले पर विराम लगाने का फैसला किया। परिवार के सूत्रों के अनुसार कमलताई वर्तमान में चिकित्सकीय देखरेख में हैं। उनके परिवार ने इस निर्णय का समर्थन किया है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और विरासत
कमलताई के पति दादासाहेब गवई बिहार के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक न्याय और आंबेडकरवादी आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया। यह परिवारिक विरासत कमलताई के लिए बेहद महत्वपूर्ण रही है। उनके बेटे बीआर गवई भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश हैं।
परिवार की इस राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि ने उनके निर्णयों को प्रभावित किया है। कमलताई ने हमेशा अपने पति के सिद्धांतों और मूल्यों को बनाए रखा है। उनका यह निर्णय भी उनकी विचारधारा और सिद्धांतों के अनुरूप है। परिवार ने इस मामले में कोई और बयान नहीं दिया है।
कार्यक्रम की तैयारियां
आरएसएस का यह कार्यक्रम महाराष्ट्र के अमरावती शहर में आयोजित होना था। किरण नगर इलाके के श्रीमती नरसम्मा महाविद्यालय मैदान में इसका आयोजन की योजना बनाई थी। संघ के स्थानीय कार्यकर्ता इस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए थे। कमलताई के निमंत्रण स्वीकार करने की खबर के बाद यह मामला चर्चा में आया था।
एक दिन पहले ही सीजेआई के भाई राजेंद्र गवई ने बताया था कि उनकी मां ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। लेकिन अब कमलताई के पत्र ने स्थिति बदल दी है। संघ के प्रतिनिधियों ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कार्यक्रम की योजना में कोई बदलाव होगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
