India News: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट के अगले प्रमुख के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है। उन्होंने कानून मंत्रालय को भेजे एक पत्र में इसकी जानकारी दी। यह प्रक्रिया परंपरा के अनुरूप है जहां मंत्रालय सेवानिवृत्त हो रहे सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के नाम का सुझाव मांगता है। जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे।
सीजेआई गवई 23 नवंबर, 2025 को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। इससे ठीक एक दिन बाद जस्टिस सूर्यकांत नया पद संभालेंगे। कानून मंत्रालय ने औपचारिकता पूरी करने के लिए पहले ही सीजेआई को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी गई थी। गवई ने इसके जवाब में जस्टिस सूर्यकांत का नाम प्रस्तावित किया है।
यह पूरी प्रक्रिया एक स्थापित परंपरा का हिस्सा है। कानून मंत्रालय हर बार मौजूदा सीजेआई की सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले पत्र भेजता है। इसके बाद वर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने पद छोड़ने से करीब 30 दिन पहले सिफारिश करते हैं। सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज के नाम में की जाती है जिसे पद के लिए उपयुक्त माना जाता है।
जस्टिस सूर्यकांत वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। वह वरिष्ठता क्रम के आधार पर ही इस पद के लिए प्राकृतिक दावेदार माने जा रहे थे। उनकी नियुक्ति से पहले यह माना जा रहा था कि सीजेआई गवई उन्हीं के नाम की सिफारिश करेंगे। अब यह औपचारिकता पूरी हो गई है।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 14 महीने का रहेगा। वह 9 फरवरी, 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। इस दौरान वह देश की न्यायपालिका की कमान संभालेंगे। उनके कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के सामने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है।
मुख्य न्यायाधीश के पद के उत्तराधिकार की यह प्रक्रिया काफी पारदर्शी और निर्धारित है। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहती है। सबसे वरिष्ठ जज का ही नाम सिफारिश किया जाना एक स्वस्थ परंपरा है। इससे न्यायिक व्यवस्था में निरंतरता बनी रहती है।
जस्टिस सूर्यकांत ने अपने न्यायिक करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनका अनुभव उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। अब उनके सामने देश की न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने की चुनौती होगी। पूरा न्यायिक तंत्र उनके नेतृत्व में काम करेगा।
कानून मंत्रालय अब जल्द ही इस नियुक्ति को अंतिम रूप देगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस तरह 24 नवंब�र को सुप्रीम कोर्ट को एक नया मुखिया मिल जाएगा। यह परिवर्तन देश की न्यायिक इतिहास का एक अहम पड़ाव है।
