शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

CJI बी आर गवई: डॉ. आंबेडकर को संविधान का मुख्य वास्तुकार, संविधान से रखी कानून के शासन की मजबूत नींव

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Uttar Pradesh News: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने शनिवार को प्रयागराज में कहा कि भारत की वर्तमान मजबूती का श्रेय उसके संविधान को जाता है। उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर को संविधान निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए याद किया। सीजेआई ने कहा कि डॉ. आंबेडकर एक सच्चे राष्ट्रवादी थे जिन्होंने संविधान के माध्यम से देश की एकता सुनिश्चित की।

पड़ोसी देशों से की तुलना

मुख्य न्यायाधीश ने पड़ोसी देशों के उदाहरण देते हुए भारतीय संविधान की प्रासंगिकता रेखांकित की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ तुलना करने पर भारत की स्थिरता स्पष्ट दिखती है। पिछले 75 वर्षों से संविधान हर नागरिक के मूलभूत अधिकारों की रक्षा कर रहा है। यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव है।

संविधान में हैं सभी समस्याओं के समाधान

ऐतिहासिक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित एक सेमिनार में सीजेआई ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश की सभी समस्याओं का समाधान संविधान में मौजूद है। संविधान संरचना है तो संवैधानिकता उसकी आत्मा है। यह आत्मा विश्वास दिलाती है कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि लोगों के प्रति जवाबदेह रहेंगे।

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न्यायपालिका की भूमिका पर जोर

मुख्य न्यायाधीश ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सरकार की भी भूमिका होती है। यह व्यवस्था संविधान के मूल ढांचे को बनाए रखने में मदद करती है। न्यायपालिका का काम संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना है।

एकल नागरिकता की विशेषता

सीजेआई ने भारत की एकल नागरिकता प्रणाली की प्रशंसा की। उन्होंने अमेरिका की दोहरी नागरिकता से भारत की तुलना की। डॉ. आंबेडकर के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश को एकता के सूत्र में बांधा है। यह एकता देश को मजबूती प्रदान करती है। आपात स्थितियों में भी संविधान देश की रक्षा करता है।

ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख

मुख्य न्यायाधीश ने संवैधानिक इतिहास के महत्वपूर्ण मामलों का जिक्र किया। उन्होंने केशवानंद भारती मामले में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय पर चर्चा की। मेनका गांधी बनाम भारत संघ मामले के महत्व को भी रेखांकित किया। ये निर्णय संवैधानिक व्याख्या के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए हैं।

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संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का आह्वान

सीजेआई ने सभी नागरिकों से संवैधानिक मूल्यों के प्रति सजग रहने का आग्रह किया। उन्होंने संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने पर जोर दिया। लोकतंत्र की मजबूती के लिए संवैधानिक नैतिकता का पालन आवश्यक बताया। न्यायपालिका संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करती रहेगी।

शिक्षा और संस्कृति के केंद्र के रूप में प्रयागराज

मुख्य न्यायाधीश ने प्रयागराज की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह नगरी सांस्कृतिक और शैक्षणिक दृष्टि से सदैव समृद्ध रही है। इलाहाबाद और लखनऊ ने देश को अनेक विद्वान दिए हैं। यहां के शिक्षण संस्थानों ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कानून के शासन का महत्व

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने डॉ. आंबेडकर को संविधान का मुख्य वास्तुकार बताया। उन्होंने कहा कि संविधान ने कानून के शासन की मजबूत नींव रखी। इसी के कारण देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर पाया है। कानून सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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