India News: भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति दे दी है। राकेश किशोर पर पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूता फेंकने का आरोप है। यह मामला जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उठाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले को पीठ के सामने पेश किया। उन्होंने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली याचिका पर त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने न्यायिक संस्थान की गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया।
SCBA अध्यक्ष ने जताई गंभीर चिंता
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि जूता फेंकने की इस घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि वकील राकेश किशोर को अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है। विकास सिंह ने अटॉर्नी जनरल से आपराधिक अवमानना की कार्यवाही की अनुमति मांगी थी।
विकास सिंह ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाए थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में सहमति दे दी गई है क्योंकि यह संस्थान की अखंडता का मामला है। उन्होंने न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
जस्टिस सूर्यकांत ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं लेकिन समस्या इसे नियंत्रित करने की है। जस्टिस सूर्यकांत ने इस बात पर जोर दिया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाएं भी होनी चाहिए।
विकास सिंह ने कहा कि जूता फेंकने की घटना का महिमामंडन बंद होना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं के प्रचार पर चिंता जताई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोशल मीडिया एल्गोरिदम की भूमिका पर प्रकाश डाला।
सोशल मीडिया एल्गोरिदम पर सवाल
जस्टिस जॉय माल्या बागची ने कहा कि एल्गोरिदम इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि वे नफरत, जाति और गुस्से पर काम करते हैं। इससे उन्हें अधिक हिट्स और लाइक्स मिलते हैं। उन्होंने चिंता जताई कि कोर्ट में हुई बहस भी कमाई का जरिया बन सकती है।
जस्टिस बागची ने कहा कि हमें इस तरह की कमाई में सहयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने इसे यूं ही खत्म होने देने की आवश्यकता पर बल दिया। पीठ ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसी घटनाओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
अटॉर्नी जनरल की अनुमति मिलने के बाद अब वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू होगी। यह मामला न्यायपालिका की गरिमा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण मामला बन गया है।
