Himachal Pradesh News: चुराह विधायक डॉ. हंसराज ने यौन शोषण मामले में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर कर दी है। उन्होंने चम्बा स्थित जिला एवं सessions न्यायाधीश की अदालत में यह आवेदन प्रस्तुत किया। विधायक ने उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के माध्यम से यह अर्जी दाखिल की। अदालत ने इस पर 11 नवंबर को सुनवाई तय की है।
पुलिस के नोटिस के बावजूद विधायक महिला पुलिस थाने में हाजिर नहीं हुए। उन्होंने थाना आने की बजाय सीधे अदालत का रुख किया। पुलिस ने विधायक को थाने में हाजिर होने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन न करने पर विधायक पर और भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
पीड़िता के आरोप गंभीर
युवती ने विधायक पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने के आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जब वह नाबालिग थी तो उसका शोषण किया गया। आरोपों के मुताबिक उसे बहला-फुसलाकर शोषण का शिकार बनाया गया। इस दौरान उसे डराया-धमकाया भी गया।
पीड़िता ने पिछले शुक्रवार को महिला थाना चम्बा में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत पर पुलिस ने विधायक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। एएसपी हितेश लखनपाल ने पुष्टि की कि विधायक थाने में हाजिर नहीं हुए हैं।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस पीड़िता की मौजूदगी में जांच के दायरे को विस्तार दे रही है। टीमें साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई हैं। विधायक की गिरफ्तारी के लिए मजबूत आधार तैयार किया जा रहा है। पुलिस की विशेष टीमें विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं।
पोक्सो एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज होने के बाद विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस कानून के अंतर्गत गिरफ्तारी की संभावना अधिक होती है। गिरफ्तारी से बचने के लिए ही विधायक ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की है।
पूर्व विधायक ने उठाए सवाल
चुराह के पूर्व विधायक सुरिंद्र भारद्वाज ने मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इस ज्ञापन में मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। उन्होंने पीड़ित युवती को न्याय दिलाने पर जोर दिया है।
भारद्वाज ने कहा कि चार दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस विधायक का सुराग नहीं लगा पाई। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। लोग निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
कानूनी प्रक्रिया जारी
अदालत ने विधायक की अग्रिम जमानत अर्जी पर 11 नवंबर को सुनवाई तय की है। इस सुनवाई के बाद ही अर्जी पर कोई फैसला होगा। विधायक ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम तैयार की है। यह टीम अदालत में उनका पक्ष रखेगी।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं। पोक्सो एक्ट के मामले में संवेदनशीलता बरती जा रही है। सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
