India News: पांच वर्षों के अंतराल के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत की यात्रा पर आए। इस दौरान उनकी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण मुलाकातें हुईं। इन वार्ताओं के तुरंत बाद उनका पाकिस्तान दौरा और वहां हुई बैठकों ने क्षेत्रीय राजनीति में नए सिरे से चर्चा शुरू कर दी है।
भारत-चीन उच्चस्तरीय वार्ता
चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देश सीमा पर तनाव के माहौल से गुजर रहे हैं। वांग यी ने भारत के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की। माना जा रहा है कि इन वार्ताओं में सीमा विवाद सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
मॉस्को में भारत-रूस वार्ता
इसी समयांतराल में, भारत और रूस के विदेश मंत्रियों ने मॉस्को में एक दूसरे से मुलाकात की। इस बैठक ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत की सक्रिय कूटनीति को रेखांकित किया। विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर आयोजित की गई थी।
पाकिस्तान में चीन-पाक रणनीतिक वार्ता
भारत से रवाना होने के बाद वांग यी सीधे पाकिस्तान पहुंचे। इस्लामाबाद में उन्होंने पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ रणनीतिक वार्ता के छठे दौर में भाग लिया। दोनों पक्षों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
सीपीईसी 2.0 पर जोर
इस बैठक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नए संस्करण सीपीईसी 2.0 पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों देशों ने व्यापार, आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय मंचों पर साथ काम करने पर सहमति जताई। उन्होंने दावा किया कि उनका सहयोग क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक है।
भारत की सुरक्षा चिंताएं
भारत ने सीपीईसी परियोजना का लगातार विरोध जताया है। यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर क्षेत्र से गुजरता है, जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है। भारत का मानना है कि यह परियोजना उसकी संप्रभुता का सीधा उल्लंघन है। विशेषज्ञ मानते हैं कि चीन-पाकिस्तान का यह बढ़ता सैन्य और आर्थिक गठजोड़ भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश करता है।
क्षेत्रीय अस्थिरता का खतरा
वर्तमान परिस्थितियां अत्यंत संवेदनशील हैं। भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है और भारत-पाकिस्तान संबंध भी सामान्य नहीं हैं। ऐसे में, चीन का पाकिस्तान के साथ मजबूत होता गठजोड़ क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। भारत इन सभी घटनाक्रमों पर सतर्क नजर बनाए हुए है।
