International News: चीन ने सोने पर दी जाने वाली टैक्स छूट को खत्म करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। यह नया नियम एक नवंबर से लागू हो चुका है। अब ज्वेलर्स को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज से खरीदे गए सोने की बिक्री पर वैट में कोई छूट नहीं मिलेगी।
यह फैसला चीन की अर्थव्यवस्था को सहारा देने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है। विश्लेषकों के अनुसार यह कदम राजस्व बढ़ाने की दिशा में एक मजबूर प्रयास है। रियल एस्टेट संकट और धीमी आर्थिक वृद्धि से जूझ रही चीन को अब टैक्स से अधिक आय की जरूरत है।
भारत पर पड़ेगा सीधा असर
भारत जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड उपभोक्ता देश है, उस पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा। चीन में टैक्स बढ़ने से गोल्ड की थोक कीमतें ऊपर जाएंगी। इससे भारत में आयात लागत बढ़ने की संभावना है।
आने वाले समय में ज्वेलरी खरीदना और महंगा हो सकता है। भारतीय उपभोक्ताओं को सोने के दामों में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है। बाजार विशेषज्ञ इसके प्रभाव की निगरानी कर रहे हैं।
सोना बना रहेगा सुरक्षित निवेश
हाल ही में वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच सोना निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद एसेट बन गया था। टैक्स छूट हटने के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि गोल्ड की मांग में बहुत बड़ी गिरावट नहीं आएगी। यह अब भी सेफ हेवन एसेट बना रहेगा।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने की मांग लंबे समय तक मजबूत बनी रहने की संभावना है। निवेशक अनिश्चितता के दौर में सोने को प्राथमिकता देते हैं।
सोने के दाम में संभावित वृद्धि
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना करीब चार हजार डॉलर प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रहा है। शनिवार दोपहर तक गोल्ड 4,013.40 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। यह पिछले सत्र से करीब पच्चीस डॉलर कम है।
वित्तीय विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले बारह महीनों में गोल्ड की कीमतें पांच हजार डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं। केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी इसका प्रमुख कारण है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें भी दाम बढ़ाने में सहायक होंगी।
