India-China News: चीन ने भारत के साथ तनाव कम करने की पहल के तहत यूरिया निर्यात में ढील दी है। सूत्रों के अनुसार, भारत अब चीन से तीन लाख टन तक यूरिया का आयात कर सकता है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
चीन की यूरिया निर्यात नीति में बदलाव
2023 में चीन ने यूरिया निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय चीन का 50% यूरिया निर्यात भारत को होता था। इस साल जून में चीन ने अन्य देशों के लिए प्रतिबंध में ढील दी थी, लेकिन भारत पर प्रतिबंध जारी था। नए विकास से वैश्विक यूरिया आपूर्ति में सुधार और कीमतों में कमी की उम्मीद है।
भारत की यूरिया आयात निर्भरता
भारत दुनिया का सबसे बड़ा यूरिया आयातक है। 2024-25 में देश ने 57 लाख टन यूरिया आयात किया, जो पिछले वर्ष से 20% कम है। चीन से आयात 2023-24 के 18.70 लाख टन से गिरकर 2024-25 में मात्र एक लाख टन रह गया था। कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था होने के कारण भारत को उर्वरकों का बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है।
द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिश
यह कदम भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में उठाया गया प्रयास माना जा रहा है। 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। हाल के महीनों में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन कई मुद्दों पर विवाद बना हुआ है।
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव
यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आया है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन इसके माध्यम से भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा हो सकता है।
किसानों के लिए राहत
यूरिया भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट है। सरकार यूरिया पर भारी सब्सिडी देती है ताकि किसानों पर बोझ न पड़े। चीन से यूरिया आयात फिर से शुरू होने से घरेलू आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद है।
भविष्य की संभावनाएं
हालांकि शुरुआत में केवल 3 लाख टन यूरिया के आयात की अनुमति दी गई है, लेकिन भविष्य में इस मात्रा में वृद्धि की संभावना है। इससे न केवल भारत की उर्वरक आपूर्ति स्थिर होगी, बल्कि वैश्विक बाजार में यूरिया की कीमतों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
