Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के छात्रों और युवाओं तक देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा नीतियों को पहुंचाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि पंडित नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में 14 नवंबर को राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह का आयोजन बोर्ड परिसर में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार बोर्ड पंडित नेहरू के विचारों और शिक्षा संबंधी दृष्टिकोण को एक छोटी बुकलेट के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाएगा। इसके साथ ही प्रदेश भर के शैक्षणिक संस्थानों में भाषण, निबंध और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में पंडित नेहरू की शिक्षा, युवा और रोजगार संबंधी नीतियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
होनहार छात्रों को मिलेगा सम्मान
राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बोर्ड सदस्यों और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया है। बोर्ड की ओर से इन्हें भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। यह पहल छात्रों में रचनात्मक सोच और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डॉ. राजेश शर्मा को हाल ही में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और कांगड़ा क्षेत्र में सक्रिय रूप से राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े रहे हैं। उनकी यह नियुक्ति शिक्षा क्षेत्र में नए सुधारों को लागू करने के लिए की गई है। डॉ. शर्मा का मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करना और परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार लाना है।
मार्च 2026 से लागू होगा नया परीक्षा पैटर्न
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में एक नए पैटर्न को लागू करने का निर्णय लिया है। मार्च 2026 से लागू होने वाले इस नए system के तहत प्रश्न पत्रों की तीन श्रृंखलाएं – A, B और C जारी की जाएंगी। इन सभी श्रृंखलाओं में प्रश्न समान रहेंगे, लेकिन उनके क्रम में फेरबदल किया जाएगा। इससे नकल रोकने और परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
दसवीं कक्षा के छह विषयों में यह नया पैटर्न लागू किया जाएगा, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और संस्कृत शामिल हैं। बारहवीं कक्षा के बारह विषयों में अंग्रेजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, हिंदी, संस्कृत, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलोजी, गणित, अकाउंटेंसी और बिजनेस स्टडीज इस नई प्रणाली में शामिल हैं। बोर्ड का यह कदम परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने में सहायक होगा।
शिक्षा बोर्ड की नई पहलों का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की इन नई पहलों का मुख्य उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। पंडित नेहरू की शिक्षा नीतियों से छात्रों को अवगत कराने से उनमें राष्ट्रनिर्माण की भावना का विकास होगा। प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों की रचनात्मक और बौद्धिक क्षमताओं को निखारने का अवसर मिलेगा। नया परीक्षा पैटर्न छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
बोर्ड की इन पहलों से शिक्षा के स्तर में सुधार आने की उम्मीद है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना बोर्ड का प्रमुख लक्ष्य है। डॉ. शर्मा के नेतृत्व में बोर्ड शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा दे रहा है। आने वाले समय में और भी कई नई पहलों की शुरुआत की जाएगी। इससे प्रदेश के छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
