Delhi News: दिल्ली पुलिस ने करोल बाग से 18 महीने के एक बच्चे के अपहरण का मामला सुलझाया है। बच्चे को उत्तर प्रदेश के महोबा से सुरक्षित बरामद किया गया। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। बच्चे को महज 45,000 रुपये में बेच दिया गया था।
24 सितंबर 2025 को यह मामला सामने आया जब राजस्थान के मुकेश नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उनका 18 महीने का बेटा गायब था। परिवार पूसा रोड स्थित गंगा राम अस्पताल के पास फुटपाथ पर सो रहा था। रात में मेले से लौटने के बाद वे सो गए थे। सुबह उठने पर बच्चा गायब था।
पुलिस की जांच
मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त निधिन वलसन ने विशेष टीम गठित की। टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की। राजेंद्र नगर, प्रसाद नगर, कनॉट प्लेस और पहाड़गंज इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। पुलिस को एक संदिग्ध स्कूटर का पता चला जिसकी नंबर प्लेट छिपी हुई थी। जांच में पता चला कि बच्चे को सफेद कार में ले जाया गया।
पुलिस ने काली बाड़ी लेन, नई दिल्ली में छापा मारा। इस दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अनंत, राजू उर्फ ऋषि और साहिल कुमार हैं। एक 17 वर्षीय नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया। पूछताछ में बच्चे के महोबा में होने की जानकारी मिली।
महोबा से बच्चे की बरामदगी
पुलिस ने तुरंत महोबा, उत्तर प्रदेश में छापा मारा। फूलन श्रीवास उर्फ संतोष नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। 54 वर्षीय श्रीवास से बच्चा सुरक्षित बरामद किया गया। श्रीवास दो बेटियों का पिता है और वह बेटा चाहता था। उसने दिल्ली के अपराधियों को एक लाख रुपये की पेशकश की थी।
आरोपियों ने बच्चे का अपहरण करोल बाग से किया। उन्होंने बच्चे को 45,000 रुपये में श्रीवास को बेच दिया। पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल स्कूटर और कार बरामद की। 5,500 रुपये नकद भी जब्त किए गए। मामले की गहन जांच जारी है। पुलिस संभावित नेटवर्क की तलाश कर रही है।
बच्चे की सुरक्षित बरामदगी से परिवार को राहत मिली है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर इस मामले को सुलझाया। यह मामला दिल्ली-उत्तर प्रदेश में सक्रिय मानव तस्करी नेटवर्क की ओर इशारा करता है। पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है।
