Chandigarh News: चंडीगढ़ के सेक्टर-61 थाने में चाइल्ड प्रोटेक्शन के तहत कार्रवाई हुई। एक 12 वर्षीय नेपाली मूल की बच्ची को पुलिस ने रेस्क्यू किया। बच्ची तीन साल से सुनीता नामक महिला के घर और चिकन रेहड़ी पर काम कर रही थी। वह सुनीता के नौकर और भाई के यौन शोषण का शिकार थी। पुलिस को हेल्पलाइन पर बद्दी की एक महिला से सूचना मिली। बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया गया।
माता-पिता ने छोड़ा, सुनीता ने किया शोषण
पुलिस को बद्दी की एक महिला की सूचना पर कार्रवाई करनी पड़ी। बच्ची ने बताया कि नशे की लत में डूबे पिता ने उसे और उसकी मां को छोड़ दिया। मां ने भी उसे सुनीता के साथ भेज दिया। सुनीता ने बच्ची से घर का काम करवाया और उसे नौकर व भाई के शोषण का शिकार होने दिया। बच्ची को कभी स्कूल नहीं भेजा गया। सुनीता ने पढ़ाने का वादा किया था, जो झूठा निकला।
अधेड़ भाई दिखाता था अश्लील वीडियो
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को बच्ची ने बताया कि सुनीता का अधेड़ भाई उसे फोन पर अश्लील वीडियो दिखाता था। वह उसके शरीर को छूता और गलत हरकतें करता, जिससे उसे बहुत दर्द होता था। सुनीता का नौकर भी उसे घर के कोनों में ले जाकर छेड़ता था। उसे बर्तन साफ करने और पोछा लगाने जैसे काम करने पड़ते थे। बच्ची शारीरिक और मानसिक शोषण से त्रस्त थी।
रेस्क्यू के बाद आशियाना में बच्ची
पुलिस ने बच्ची को रेस्क्यू कर चंडीगढ़ के सेक्टर-15 स्थित आशियाना चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में भेजा। वहां बच्ची अब खुश है। उसे न घर का काम करना पड़ता है, न ही शोषण सहना पड़ता है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन गुरप्रीत कौर ने बताया कि बच्ची को कभी स्कूल नहीं भेजा गया। उसकी मां नशे की आदी थी और सीरिंज से ड्रग्स लेती थी। सुनीता ने बच्ची को पढ़ाने का वादा कर धोखा दिया।
बच्ची की दर्दनाक कहानी
बच्ची ने कमेटी को बताया कि सुनीता ने उसे तीन साल तक घरेलू काम में झोंका। नौकर और भाई ने उसका शारीरिक शोषण किया। वह डर और दर्द में जी रही थी। सुनीता ने उसे स्कूल भेजने की बजाय रेहड़ी पर काम करवाया। बच्ची की मां ने भी उसकी कोई सुध नहीं ली। नशे की लत ने परिवार को तोड़ दिया। बच्ची अब आशियाना में सुरक्षित है और नई जिंदगी शुरू कर रही है।
