Shimla News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में नौ बच्चों की किडनी फेल होने से मौत के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर एडवाइजरी जारी की है। बद्दी स्थित एक दवा इकाई में कफ सिरप के उत्पादन पर तुरंत रोक लगा दी गई है।
मध्य प्रदेश को सप्लाई किए गए कफ सिरप के अलॉट और बैच की विस्तृत जांच शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है। दवा नियंत्रक को जांच का निर्देश दिया गया है। यह मामला दवाओं में खतरनाक रसायन एथिलीन ग्लाइकाल की मिलावट से जुड़ा हुआ है।
तीन साल से कम उम्र के बच्चों को न दें कफ सिरप
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में बच्चों के लिए खांसी की दवाओं के उपयोग में पूरी सावधानी बरतने को कहा गया है। विशेष रूप से तीन वर्ष से कम आयु के बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह दी गई है। डॉक्टरों को इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए कफ सिरप न लिखने के निर्देश दिए गए हैं।
बद्दी क्षेत्र में तैयार नेक्सा डीएस कफ सिरप के उत्पादन पर पूर्ण रोक लगाई गई है। विशेष रूप से उस बैच की पहचान कर बाजार से वापस मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं जो मध्य प्रदेश में सप्लाई हुआ था। कफ सिरप के सैंपल लेकर उनकी प्रयोगशाला में जांच की जा रही है।
एथिलीन ग्लाइकाल है जानलेवा रसायन
एथिलीन ग्लाइकाल वाहनों के कूलेंट में पाया जाने वाला एक रंगहीन और गंधहीन अल्कोहलिक कंपाउंड है। यह मीठा स्वाद देता है जिस कारण बच्चे इसे आसानी से पी सकते हैं। इस रसायन के सेवन से किडनी तेजी से फेल होती है और यह जानलेवा साबित हो सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की सचिव एम सुधा देवी ने बताया कि दवा नियंत्रक को इस कफ सिरप की पूरी सप्लाई चेन की जांच करने को कहा गया है। संबंधित बैच की बाजार में मौजूद सभी स्टॉक को वापस लाने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए त्वरित कार्रवाई की है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अन्य दवा कंपनियों से भी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
Author: Radhika Gupta, Shimla
