Himachal News: हिमाचल प्रदेश के नए मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने पद संभालते ही प्रशासनिक गतिविधियों को गति दे दी है। गुरुवार को उन्होंने पुलिस मुख्यालय और राज्य सतर्कता ब्यूरो का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पुलिस सुधारों और भ्रष्टाचार निरोधक उपायों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को त्वरित फाइल निस्तारण और अनुशासित रवैया अपनाने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव ने पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी से विस्तृत चर्चा की। इस दौरान पुलिस बल के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ। इनमें कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ, संसाधनों की कमी, साइबर अपराध और नशा तस्करी जैसे मुद्दे शामिल थे। डीजीपी ने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक रणनीति बनाई जा रही है।
तीन क्षेत्रों में जीरो टॉलरेंस की नीति
पुलिस विभाग ने तीन प्रमुख क्षेत्रों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है। यह क्षेत्र हैं नशा, भ्रष्टाचार और यातायात नियमों का उल्लंघन। इस नीति के तहत तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही सख्त कानूनी कार्रवाई और जन जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव ने सतर्कता ब्यूरो मुख्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि जांच प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए प्रशासनिक स्वीकृतियों को सरल बनाया जा रहा है। इससे मामलों के निस्तारण में लगने वाले समय में कमी आएगी। गुप्ता ने विभाग की इन पहलों की सराहना की।
अधिकारियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कार्यालयीन समय का पालन करने पर विशेष जोर दिया है। फाइलों के निस्तारण के लिए एक से दो दिन का समय सीमा निर्धारित की गई है। कामकाज में किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
संजय गुप्ता ने कहा कि जन केंद्रित और तकनीक समर्थित पुलिसिंग सुशासन की आधारशिला है। उन्होंने पुलिस बल को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उनका लक्ष्य हिमाचल प्रदेश को एक आदर्श और संवेदनशील पुलिस व्यवस्था के रूप में विकसित करना है। इसके लिए सभी स्तरों पर समन्वय बढ़ाया जाएगा।
मुख्य सचिव के इन कदमों से प्रशासनिक मशीनरी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सजग हुए हैं। फाइलों के त्वरित निस्तारण से जनता को बेहतर सेवाएं मिलने की उम्मीद है। पुलिस विभाग में सुधार के प्रयासों को नई गति मिली है।
