Kangra News: पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर के क्रशर बंद करने में दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को कहा कि बिक्रम ठाकुर उद्योग ही नहीं, बल्कि क्रशर मंत्री भी थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ब्यास नदी के साथ लगते क्रशर बंद किए हैं। मुख्यमंत्री वीरवार को देहरा उपमंडल के तहत चनौर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में माथा टेकने पहुंचे थे।
मीडिया के सवाल पर दी प्रतिक्रिया
इस दौरान मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी। दूसरी ओर, शाम को बिक्रम ठाकुर भी मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि प्रदेश के मुखिया यह समझने में भी असमर्थ हैं कि किसी तरह से दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में भी इस संबंध में सवाल उठाएंगे।
पूर्व मंत्री के अनुसार सरकार के मंत्रियों और सीपीएस के हलकों मे कहीं भी क्रशर बंद नहीं किए गए। जबकि कांगड़ा में क्रशर पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री तर्क दे रहे हैं कि सिर्फ ब्यास में आए ऊफान की वजह से इसके किनारे के क्रशर बंद किए गए।
प्रदेश की बाकी नदियों में भी आई थी बाढ़
जबकि प्रदेश की बाकी नदियों में भी तो बाढ़ आई थी। उन्होंने कहा कि हमीरपुर और सिरमौर में क्रशर पहले की तरह काम कर रहे हैं। यह दोहरा मापदंड नहीं है तो क्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में 2015 के माइनिंग रूल का भी सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह तो पहले चोरी और ऊपर से चतुराई वाली बात है। उन्होंने सरकार पर भाई भतीजावाद का भी आरोप लगाया।
महंगे बिक रहे रेत और बजरी
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि क्रशर बंद होने की वजह से धर्मशाला जैसे इलाकों में इन दिनों रेत 60 से 70 रुपये प्रति फुट के हिसाब से मिल रहा है। जबकि पहले इसका दाम करीब 40 रुपये था। यही हाल बजरी का है। कुछ दिन पहले तक 15 रुपये फुट मिलने वाली बजरी 35 रुपये में बिक रही है। जिससे आम लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है।