Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ता (DA) और एरियर के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती के सवाल के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने नारेबाजी की और सदन का वॉकआउट किया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर घूमा-फिराकर जवाब देने और घोषणा पूरी न करने का आरोप लगाया।
विपक्ष के वॉकआउट की वजह
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार जानबूझकर सीधा जवाब देने से बच रही है। उन्होंने याद दिलाया कि बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने मई महीने में DA की किस्त जारी करने का वादा किया था। लेकिन अगस्त महीना समाप्त होने तक भी सरकार इस वादे को पूरा नहीं कर पाई है। इसी नाराजगी में विपक्ष सदन से बाहर चला गया।
विशेषाधिकार हनन का मामला
जयराम ठाकुर ने इस मामले को विशेषाधिकार हनन बताया। उनका कहना था कि सदन में की गई कोई भी घोषणा पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने इस सवाल पर केवल दो ही सप्लीमेंटरी सवालों की अनुमति दी। तीसरा सप्लीमेंटरी सवाल नहीं दिया गया।
मुख्यमंत्री के जवाब पर नाराजगी
विपक्ष को मुख्यमंत्री के जवाब से भी शिकायत थी। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक उत्तर दे रहे थे। सीएम ने अपने जवाब में कहा कि पिछली बीजेपी सरकार ने दस हजार करोड़ रुपये की देनदारी छोड़ी है। जयराम ठाकुर ने इसका पलटवार करते हुए पूछा कि क्या वीरभद्र सिंह के समय की कोई देनदारी बीजेपी सरकार पर नहीं आई थी।
सरकार पर लगे आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति को खराब बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार खुद को बचाने के प्रयासों में लगी हुई है। विपक्ष का मानना है कि सरकार कर्मचारियों के हितों के प्रति गंभीर नहीं है। यही कारण है कि DA जारी करने की घोषणा अभी तक अमल में नहीं आ सकी है।
