Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के टांडा मेडिकल कॉलेज में अब रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक सपने को आज साकार किया गया है। यह प्रदेश का दूसरा ऐसा सरकारी अस्पताल है जहाँ यह उन्नत तकनीक पहुँची है। इससे पहले यह सुविधा केवल चमियाना अस्पताल में ही थी। इसके शुरू होने से प्रदेश के मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने सत्ता संभालते ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया था। उन्होंने गरीब और दूरदराज के इलाकों के मरीजों की पीड़ा को देखते हुए यह फैसला लिया। पहाड़ी इलाकों में इलाज के लिए बाहर जाना मरीजों के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इससे उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद होते थे।
अब टांडा अस्पताल में मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज मिल सकेगा। अस्पताल परिसर में 28 करोड़ रुपये की इस अत्याधुनिक मशीन को एक महीने पहले ही इंस्टॉल कर दिया गया था। आज औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत की गई है। इस उपलब्धि ने अस्पताल का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में लिख दिया है।
रोबोटिक सर्जरी के लाभ
रोबोटिक सर्जरी मरीजों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इस तकनीक से की जाने वाली सर्जरी में कटान छोटा होता है। इससे मरीज को कम दर्द होता है और वह जल्दी ठीक हो जाता है। सर्जरी के दौरान खून की कम बहाव होता है और संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। यह तकनीक सर्जन को अधिक सटीकता से काम करने में मदद करती है।
इससे पहले हिमाचल के मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी एक सपना थी। गंभीर बीमारी की स्थिति में उन्हें दिल्ली या चंडीगढ़ जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था। वहाँ इलाज कराना महंगा और मुश्किल भरा था। अब प्रदेश के भीतर ही यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। इससे सभी वर्गों के मरीजों को लाभ मिलेगा।
टांडा मेडिकल कॉलेज लोअर हिमाचल का एक प्रमुख अस्पताल है। यहाँ रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत से एक बड़े क्षेत्र के मरीजों को फायदा होगा। इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं में हिमाचल प्रदेश की स्थिति मजबूत हुई है। यह राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का एक हिस्सा है।
