Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोलन जिले के ममलीग दौरे के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दिल्ली में उनकी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से महत्वपूर्ण मुलाकातें होंगी। ये मुलाकातें प्रदेश के वित्तीय संकट को देखते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए दिसंबर 2025 तक ऋण लेने की सीमा सात हजार करोड़ रुपये तय की है। इसमें से अब तक छह हजार नौ सौ करोड़ रुपये कर्ज लिया जा चुका है। अब सरकार के पास अक्टूबर माह के बाद केवल सौ करोड़ रुपये कर्ज लेने का विकल्प शेष है।
वित्तीय संकट की गंभीरता
हिमाचल प्रदेश सरकार को प्रति माह लगभग 2800 करोड़ रुपये की प्रतिबद्ध देनदारियां निपटानी होती हैं। इसमें वेतन भुगतान के लिए 2000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। पेंशन भुगतान के लिए 800 करोड़ रुपये चाहिए। पहले लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी के लिए 500 करोड़ रुपये चाहिए।
कुल कर्ज के मूलधन की चुकौती के लिए 100 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। सरकार चाहती है कि प्रदेश को दो प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने की छूट मिले। इसके अलावा किसी अन्य मद से उदार वित्तीय सहायता भी प्राप्त हो। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
दिल्ली में महत्वपूर्ण मुलाकातें
मुख्यमंत्री सुक्खू को केंद्रीय वित्त मंत्री से होने वाली मुलाकात से बड़ी उम्मीदें हैं। वह लगातार पांचवीं बार वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया से मिलेंगे। इस मुलाकात में वह एक अप्रैल 2026 से लागू होने वाली सिफारिशों पर चर्चा करेंगे। वित्त आयोग की सिफारिशें यदि प्रदेश हित में रहीं तो राज्य सरकार को बड़ी राहत मिलेगी।
भविष्य में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की प्रतिबद्ध देनदारियां चुकता करने में मदद मिलेगी। विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध हो सकेगी। दिल्ली में इन महत्वपूर्ण मुलाकातों के बाद मुख्यमंत्री बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के आगामी कार्यक्रम
मुख्यमंत्री सुक्खू की 31 अक्टूबर तक प्रदेश वापसी की संभावना है। सिरमौर जिले के श्री रेणुका जी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मेले के शुभारंभ में वे मुख्य अतिथि होंगे। इसके बाद दो नवंबर को किन्नौर में जनजातीय उत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम अत्यंत व्यस्त रहेगा। वह दिल्ली से सीधे श्री रेणुका जी मेले में शामिल होने पहुंचेंगे। इसके बाद किन्नौर के जनजातीय उत्सव में हिस्सा लेंगे। प्रदेश के विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे।
