Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में हुए हंगामे पर विपक्ष को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि एक घंटे में तीन बार वॉकआउट करना विपक्ष की गहरी निराशा और दिशाहीनता को दर्शाता है। सुक्खू ने आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा में रुचि नहीं रखता और हर मुद्दे पर केवल हंगामा करता है। उन्होंने इस व्यवहार को सदन की गरिमा के खिलाफ बताया।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का बचाव किया। सुक्खू ने कहा कि नेगी एक संवैधानिक पद पर हैं और वह हमेशा पढ़कर तथ्यात्मक जवाब देते हैं। उन्होंने नेगी को राज्य सरकार के सबसे प्रभावी मंत्रियों में से एक बताया। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विपक्ष में सच बोलने और सच सुनने की क्षमता का अभाव है।
सीएम सुक्खू ने प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जहां भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, उन सभी क्षेत्रों को आपदा क्षेत्र घोषित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बारिश का दौर खत्म होते ही सरकार सभी प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत राहत बांटने का काम शुरू कर देगी।
तिरंगे का अपमान करने वाले मामले पर मुख्यमंत्री ने गंभीर रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तिरंगे पर काला झंडा या जूता फेंकना राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान की भावना नहीं दर्शाता। सुक्खू ने कहा कि तिरंगे की रक्षा के लिए वह किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोषी माफी मांगते हैं तो उन्हें माफ किया जा सकता है।
केंद्र सरकार से राहत राशि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण बात कही। सुक्खू ने कहा कि अगर राज्य को विशेष आपदा राहत कोष की जरूरत पड़ी तो वह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भी दिल्ली जाने को तैयार हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू कर दी है।
विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर मुख्यमंत्री ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष सदन में विपक्ष को ज्यादा समय देते हैं जबकि सत्ता पक्ष को कम बोलने का मौका मिलता है। सुक्खू ने माना कि सत्ता पक्ष इस बात से नाराज है कि उन्हें पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते।
