Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोलन जिले के ममलीग में एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीबीएसई स्कूलों के अध्यापकों के लिए अलग कैडर बनाया जाएगा। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाया जा रहा है। पहले चरण में 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ममलीग में आयोजित जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने ममलीग उप-तहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग का उपमंडल कार्यालय खोलने का भी वादा किया।
शिक्षा सुधारों की रूपरेखा
सीबीएसई स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति अलग कैडर के माध्यम से होगी। विद्यार्थियों के लिए अलग ड्रेस कोड निर्धारित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू हो गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिल सकेगी।
सुक्खू ने पूर्व सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पहले अध्यापकों के तबादलों से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। वर्तमान सरकार ने इन खामियों को दूर किया है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
ममलीग के विकास के लिए घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने ममलीग में स्कूल की छत निर्माण के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 50 हजार रुपये की राशि भी प्रदान की जाएगी। इन घोषणाओं से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। क्षेत्र के समग्र विकास पर सरकार का फोकस स्पष्ट दिख रहा है।
ममलीग में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण भी शुरू हो गया है। यह स्कूल ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेगा। प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। इस योजना से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
पारदर्शी शासन की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राजस्व लोक अदालतें आयोजित कर रही है। भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ‘माई डीड’ परियोजना शुरू की गई है। इन पहलों से आम लोगों को सरकारी सेवाएं लेने में आसानी होगी।
भूमि संबंधी विवादों के त्वरित समाधान के लिए यह कदम उठाया गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल रही हैं। सरकार की यह पहल प्रशासनिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए कई स्कूल खोले थे। इनमें से कई स्कूलों को अब बंद किया गया है। इसके बजाय राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में ग्रामीण बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित न रहे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने का प्रयास किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश एक नई मिसाल कायम करेगा।
