शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

मुख्यमंत्री सुक्खू: पंचायत चुनाव से पहले सड़कों की मरम्मत, शानन प्रोजेक्ट पर पंजाब से वार्ता

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Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि पंचायत चुनाव से पहले आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों और बुनियादी ढांचे की मरम्मत प्राथमिकता होगी। पालमपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में डिजास्टर एक्ट लागू है और राहत कार्य पहली प्राथमिकता है। राज्य चुनाव आयोग की अधिसूचना का कानूनी अध्ययन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कई क्षेत्रों में सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं। इन्हें तुरंत बहाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को मताधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। पहली बार ऐसा हुआ है जब सेब भी कई इलाकों से नहीं पहुंच पाया। चुनाव जरूर होंगे लेकिन राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

बीबीएमबी में स्थायी सदस्यता की मांग

मुख्यमंत्रीने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में हिमाचल को स्थायी सदस्यता दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा की तरह हिमाचल को भी यह अधिकार मिलना चाहिए। यह मुद्दा उन्होंने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उठाया है। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत हिमाचल को संपत्तियों का हस्तांतरण नहीं मिला।

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सुप्रीम कोर्ट ने भी बीबीएमबी में हिमाचल की हिस्सेदारी को मान्यता दी है। कानूनी अधिकारों को हिमाचल को मिलना चाहिए। शानन प्रोजेक्ट की लीज समाप्त हो चुकी है और सरकार के पास इसे टेकओवर करने का अधिकार है। लेकिन सरकार सौहार्दपूर्ण समाधान चाहती है।

पंजाब के साथ रॉयल्टी को लेकर वार्ता

मुख्यमंत्रीने बताया कि प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट 14000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहे हैं। सन 1990 की नीति के अनुसार प्रदेश को 12 प्रतिशत रॉयल्टी मिल रही है। उन्होंने इस रॉयल्टी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाने की मांग की है। 40 साल बाद प्रोजेक्ट के राज्य को वापस लौटने का मुद्दा भी उठाया गया है।

हिमाचल के लोग पावर प्रोजेक्ट के कारण पंजाब से अधिक प्रभावित हुए हैं। अब तक राज्य आपदा झेल रहा है। पंजाब को बड़े भाई के नाते हिमाचल के अधिकार तुरंत लौटा देने चाहिए। इस संबंध में पंजाब सरकार के साथ बैठक कर बातचीत की जाएगी।

विधानसभा सत्र में रचनात्मक बहस की अपील

मुख्यमंत्रीने विपक्षी दल भाजपा से आग्रह किया कि धर्मशाला में प्रस्तावित विधानसभा सत्र में रचनात्मक ढंग से मुद्दे उठाएं। यह सत्र ऐतिहासिक रूप से सबसे लंबा सत्र होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुद्दों को अच्छी तैयारी के साथ उठाया जाना चाहिए।

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बयानबाजी से हटकर जनहित के मुद्दों पर विधानसभा के अंदर कार्य होना चाहिए। राजनीतिक बयानबाजी में सत्तारूढ़ दल के विधायक भी पीछे नहीं रहेंगे। लेकिन जनहित के मामलों पर सभी को मिलकर काम करना चाहिए। सरकार हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।

पंचायत सीमाओं के पुनर्गठन पर विचार

मुख्यमंत्रीने बताया कि कैबिनेट ने कुछ पंचायतों के पुनर्गठन और सीमा निर्धारण का निर्णय लिया था। इस पहलू को भी ध्यान में रखा जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना का कानूनी अध्ययन पूरा होने के बाद अगला कदम उठाया जाएगा।

सरकार कानून के दायरे में रहकर हर आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान आपदा प्रभावितों की मदद पर है। बुनियादी ढांचा बहाल होने के बाद ही चुनाव प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

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