Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली महादेव प्रोजेक्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के विरोध के लिए आंदोलन पेड़ कटने से पहले होना चाहिए था। अब पेड़ कट चुके हैं और परियोजना शुरू हो चुकी है। सुक्खू पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री नड्डा कर रहे हैं समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को समस्या के समाधान की जिम्मेदारी दी गई है। नड्डा संबंधित पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत के आधार पर ही आगे का रास्ता तय होगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सभी की भावनाओं का सम्मान करेगी। बिजली महादेव प्रोजेक्ट में केंद्र और राज्य सरकार की पचास-पचास प्रतिशत भागीदारी है। सरकार संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करेगी।
आपदा राहत निधि के उपयोग पर बयान
मुख्यमंत्री से आपदा राहत निधि के खर्च न होने के बारे में पूछा गया। उन्होंने बताया कि कुछ जिलों में यह राशि खर्च नहीं हो पाई है। इसके पीछे वन क्लीयरेंस जैसे कारण हैं। सरकार इस स्थिति का आकलन कर रही है।
आवश्यक अनुमति मिलते ही धनराशि का उपयोग किया जाएगा। कई जिलों में यह समस्या सामने आई है। सरकार सभी मुद्दों का समाधान निकालने में लगी हुई है। बजट आवंटन का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
परियोजना की वर्तमान स्थिति
बिजली महादेव परियोजना पर विवाद जारी है। पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण है। स्थानीय लोगों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार सभी हितधारकों के साथ संवाद जारी रखे हुए है।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि समाधान ढूंढने का प्रयास जारी है। केंद्र सरकार के सहयोग से मामले को सुलझाया जाएगा। भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए बेहतर योजना बनाई जाएगी। सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाएगा।
