Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिले के करसोग विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं जिनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग को राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल में उन्नयन शामिल है। अगले शैक्षणिक सत्र से यह स्कूल सीबीएसई पैटर्न पर संचालित होगा और इसमें पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने करसोग में दूध प्रसंस्करण संयंत्र और 66 केवी उप-स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की। उन्होंने तिब्बन और पांगणा में सीबीएसई स्कूल शुरू करने का वादा किया। सनारली, मतेड़ और बनेड़ा में नए पटवार सर्कल खोले जाएंगे। तत्तापानी से बखरौट सड़क का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार
सीएम सुक्खू ने करसोग आईटीआई के लिए धनराशि जारी करने का ऐलान किया। इस संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। करसोग अस्पताल में जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जाएगी। इन घोषणाओं से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।
आपदा प्रबंधन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि करसोग क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार बादल फटने की घटनाओं के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन करा रही है। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 94 घरों के पुनर्निर्माण के लिए प्रत्येक को सात लाख रुपये दिए जाएंगे।
राजनीतिक मुद्दों पर स्पष्ट रुख
एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा पर कड़े हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता अतिरिक्त उधारी में अड़ंगे लगा रहे हैं जबकि उनके कार्यकाल में इसकी अनुमति दी गई थी। पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के कारण केंद्र सरकार ने राज्य की ऋण सीमा में 1600 करोड़ रुपये की कटौती की है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी दबावों के बावजूद कांग्रेस सरकार पुरानी पेंशन योजना से पीछे नहीं हटेगी। महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन शीघ्र ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार व्यवस्था परिवर्तन पर केंद्रित है और जल्द ही सभी पात्र महिलाओं को यह लाभ मिलेगा।
पिछली सरकार पर गंभीर आरोप
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश भर में 1000 करोड़ रुपये के भवन बनवाए। उन्होंने सिराज के छतरी में 40 करोड़ रुपये की लागत से बने आईटीआई भवन का उदाहरण दिया जहां मात्र 18 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। वर्तमान सरकार लूट के दरवाजे बंद कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का खजाना खाली कर दिया। वर्तमान सरकार को पिछली सरकार से 50 हजार करोड़ रुपये कम मिले हैं। इसके बावजूद सरकार हिमाचल प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ा रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य में प्रगति
सीएम सुक्खू ने बताया कि भाजपा की गलत नीतियों के कारण हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान पर पहुंच गया था। भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए स्कूल खोले लेकिन स्टाफ और सुविधाएं नहीं दीं। वर्तमान सरकार ने 6000 अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है जिनमें से 3000 की भर्ती हो चुकी है।
इन सुधारों का परिणाम है कि हिमाचल अब गुणात्मक शिक्षा में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछली सरकार ने कोई सुधार नहीं किए थे। मेडिकल कॉलेजों में 20 वर्ष पुरानी मशीनें चल रही थीं। वर्तमान सरकार आधुनिक मशीनें लगा रही है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सरकार ने दो साल में 200 डॉक्टरों की भर्ती की है। आने वाले समय में 200 और डॉक्टर नियुक्त किए जाएंगे। चमियाणा अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में अब रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। राज्य सरकार ने 27 वर्ष तक के 6000 अनाथ बच्चों को राज्य की संतान के रूप में अपनाया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने दूध के दामों में ऐतिहासिक वृद्धि की है। किसानों से गोबर की खरीद की जा रही है। प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी को अच्छे दामों पर खरीदा जा रहा है। मनरेगा की दिहाड़ी में 80 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत 12 लाभार्थियों को 1.50-1.50 लाख रुपये की पहली किश्त वितरित की। इस योजना के तहत कुल तीन लाख रुपये की सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत चार ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को एक-एक लाख रुपये की दूसरी किश्त प्रदान की गई।
एक भूमिहीन ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को भूमि के कागजात भी सौंपे गए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दसवीं कक्षा की दो मेधावी छात्राओं प्रज्ञा ठाकुर और हिमानी ठाकुर को सम्मानित भी किया। यह समारोह क्षेत्र के समग्र विकास की नई कहानी लिखने का संकेत दे रहा है।
