Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा अक्टूबर माह के अंतिम दिनों या नवंबर के पहले सप्ताह में होगी। उन्होंने मीडियाकर्मियों से सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की। सुक्खू ने इस नियुक्ति को पहले से तय बताया और समयसीमा का ऐलान किया। यह घोषणा पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रहे इंतजार को खत्म करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का पुनर्गठन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। उनके इस बयान ने कार्यकर्ताओं के बीच उम्मीद जगाई है। पार्टी के नेतृत्व में यह बदलाव आने वाले चुनावी दौर की तैयारियों के लिए अहम माना जा रहा है। सभी सदस्यों को आगामी घोषणा तक धैर्य बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।
पार्टी संगठन का विस्तार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पिछले नवंबर में राज्य की सभी जिला और ब्लॉक इकाइयों को भंग कर दिया था। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया। इस फैसले के बाद से ही राज्य में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा सिमट गया था। केवल प्रतिभा सिंह को ही राज्य प्रमुख का पद संभालने की अनुमति दी गई।
इस फैसले के पीछे पार्टी की ओर से एक नए सिरे से संगठन खड़ा करने की रणनीति मानी जा रही थी। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर पार्टी की स्थिति को मजबूत करना था। हालांकि, इस प्रक्रिया में हुई देरी ने कार्यकर्ताओं के बीच असन्तोष पैदा किया। अब नए अध्यक्ष की नियुक्ति से इस प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है।
कार्यकर्ताओं की बढ़ती बेचैनी
राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता लंबे समय से पार्टी के पुनर्गठन में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं। यह बेचैनी विशेष रूप से आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए और बढ़ गई है। पंचायत चुनाव दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 में होने की संभावना है। इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पार्टी को मजबूत संगठन की जरूरत है।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि समय रहते पार्टी संगठन का गठन नहीं हुआ तो चुनावी तैयारियों पर बुरा असर पड़ेगा। इस देरी के कारण जमीनी स्तर पर गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। स्थानीय नेता एक मजबूत नेतृत्व की राह देख रहे हैं जो उन्हें चुनावी मैदान में ले जा सके। मुख्यमंत्री के ताजा बयान ने इस चिंता को कुछ हद तक कम किया है।
आगामी चुनौतियां और तैयारियां
नए अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंचायत चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत करने की होगी। इसके लिए जल्द से जल्द संगठन का पूरा ढांचा खड़ा करना जरूरी है। नए टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार तक की रणनीति बनानी होगी। पार्टी को जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों को लोगों तक पहुंचाना भी एक अहम कार्य होगा। नया अध्यक्ष पार्टी और सरकार के बीच समन्वय का काम भी करेगा। इस पद के लिए कई दावेदारों के नाम चर्चा में हैं और अंतिम फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा। यह नियुक्ति राज्य की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
