Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के बच्चों को जमीन और आवास सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। मंडी जिले के करसोग क्षेत्र के दो लाभार्थियों को हाल ही में जमीन आवंटित की गई है। सोहन लाल और शेरू राम इस योजना के पहले लाभार्थी बने हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने करसोग दौरे के दौरान दोनों लाभार्थियों को तीन-तीन बिस्वा जमीन आवंटित की। यह जमीन गांव सोपा, तहसील करसोग में स्थित है। जमीन मिलने के बाद अब यह दोनों लाभार्थी अपना घर बना सकेंगे। राज्य सरकार उन्हें घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी।
लाभार्थियों की प्रतिक्रिया
लाभार्थी शेरू राम ने बताया कि उनके पास घर बनाने के लिए भूमि नहीं थी। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत उन्हें तीन बिस्वा जमीन प्रदान की है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया जिन्होंने अनाथ बच्चों के लिए यह योजना बनाई। इस योजना से उन्हें अपना सपना पूरा करने का मौका मिला।
सोहन लाल ने भी योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस योजना ने उन्हें नया जीवन दिया है। अब वह अपना खुद का घर बना सकेंगे। यह योजना उनके लिए वरदान साबित हो रही है। दोनों लाभार्थियों ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को स्थायी आवास उपलब्ध कराना है। यह योजना ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को सम्पूर्ण सहायता प्रदान करती है। इन बच्चों को शिक्षा, आवास और जीवन-यापन की सुविधाएं दी जा रही हैं। अब उन्हें जमीन और आवास निर्माण हेतु वित्तीय सहायता भी मिल रही है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी अनाथ बच्चा बिना घर के न रहे। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। सरकार इन बच्चों की उच्च शिक्षा का भी पूरा खर्च वहन कर रही है। इससे उन्हें बेहतर भविष्य बनाने का अवसर मिल रहा है।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार इस योजना को और विस्तार देने की योजना बना रही है। आने वाले समय में और अधिक अनाथ बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। सरकार का प्रयास है कि राज्य का कोई भी अनाथ बच्चा बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रहे। यह योजना सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर है। हर बच्चे को शिक्षा और आवास का अधिकार मिलना चाहिए। यह योजना इसी दिशा में एक प्रयास है। सरकार की कोशिश है कि हर अनाथ बच्चे को सम्मानजनक जीवन मिल सके।
