Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज (23 मई, मंगलवार) मुंबई दौरे पर हैं. यहां वे उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात करेंगे. केजरीवाल का यह दौरा दो दिनों का होने वाला है. वे शाम को मुंबई में दाखिल होंगे. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान. सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मुंबई आ रहे हैं. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की है. आज शाम मुंबई आने के बाद वे कल ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे से और उसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे.
मुंबई आने से पहले अरविंद केजरीवाल ने ममता बनर्जी के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी. वे अलग-अलग राज्य के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए कर रहे हैं. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों की पोस्टिंग में राज्य सरकार के अधिकार को मान्यता दी थी.
‘केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर लोकतंत्र का गला घोंटने का कर रही है काम’
इसके बावजूद गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार से सर्विसेस से जुड़े मामले में कानून बनाने का अधिकार छीन लिया है. इससे दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और उनपर करप्शन के मामले में एक्शन के अधिकार को ले लिया गया है. अब इन मामलों के लिए तीन सदस्यीय नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेस अथॉरिटी का गठन किया गया है.
राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश को रोकने के लिए केजरीवाल की शुरू है मुहिम
दूसरी तरफ केंद्र सरकार का तर्क है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, इसलिए यहां इस मामले में केंद्र सरकार को इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार है. इस तरह ये अधिकार दिल्ली के उप राज्यपाल को सौंप दिए गए हैं. अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकने की मुहिम शुरू की है. इसी वजह से वे अलग-अलग राज्यों में जाकर विपक्षी नेताओं से मुलाकातें कर रहे हैं.
लोकसभा में बीजेपी का स्पष्ट बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. इसके बावजूद बीजू जनता दल और वाईएसआर और निर्दलीय के समर्थन से पूरी उम्मीद है कि बीजेपी यह अध्यादेश पास करवा लेगी. ऐसे में केजरीवाल किस उम्मीद से विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं, यह सोचने वाली बात है. शायद इसी बहाने वे बीजेपी के खिलाफ जनमानस तैयार करने की कोशिश में हैं. वे यह जताने की कोशिश में हैं कि बीजेपी की केंद्र सरकार हर तरफ लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रही है.