Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में देश का सबसे बड़ा नक्सल सरेंडर होने जा रहा है। नक्सल प्रवक्ता रूपेश उर्फ सतीश उर्फ आसन्ना अपने 130 साथियों के साथ भैरमगढ़ में सरेंडर करेंगे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में आयोजित होगा।
नक्सलियों की पूरी माड़ डिवीजन की टीम 70 से अधिक हथियारों के साथ इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ पहुंचेगी। बीजापुर पुलिस ने सुरक्षा की पूरी तैयारी कर ली है। सरेंडर कार्यक्रम 17 अक्टूबर को जगदलपुर में होने की संभावना है। इससे पहले रूपेश ने ही शांति वार्ता के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया था।
सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियां
बस्तर आईजी सुंदरराज पी की देखरेख में पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों ने चाक-चौबंद व्यवस्था की है। नक्सलियों को इंद्रावती नदी से भैरमगढ़ तक सुरक्षित पहुंचाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सभी नक्सली हथियार छोड़कर मुख्य धारा में शामिल होंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित वातावरण में संपन्न होगी।
इससे एक दिन पहले कांकेर जिले के बीएसएफ कैंप कामतेड़ा में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। सुकमा जिले में भी 27 नक्सलियों ने हथियार डाले थे। लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से नक्सल संगठन को गंभीर झटका लगा है। सुरक्षा बलों ने इन आत्मसमर्पणों को बड़ी सफलता बताया है।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर करेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बस्तर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा। पुनर्वास करने वाले नक्सलियों का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया जा रहा है। भारी संख्या में शस्त्रधारी नक्सली मुख्य धारा में शामिल होने आ रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि कांकेर और माड़ क्षेत्र नक्सल मुक्त होने की ओर है। बस्तर की जनता लाल आतंक नहीं चाहती है। नारायणपुर भी काफी हद तक मुक्त हो गया है। सुकमा में नक्सली खत्म हो रहे हैं। अब सिर्फ बीजापुर बचा है जो जल्द ही मुक्त हो जाएगा।
पूरे देश में नक्सल सरेंडर
पिछले 48 घंटे में महाराष्ट्र से लेकर छत्तीसगढ़ तक 138 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सबसे बड़ा सरेंडर हुआ जहां नक्सल लीडर सोनू दादा ने 61 साथियों के साथ हथियार डाले। सोनू दादा के सरेंडर के बाद सुकमा में 27 नक्सलियों ने प्रशासन के सामने आत्मसमर्पण किया।
कोंडागांव में पूर्वी डिवीजन की टेलर कमांडर और पांच लाख की इनामी महिला नक्सली ने भी हथियार डाले। कांकेर में 50 नक्सलियों के सरेंडर ने नक्सल संगठन की कमर तोड़ दी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलमुक्त हो जाएगा।
नक्सल प्रवक्ता रूपेश की भूमिका
नक्सल प्रवक्ता रूपेश ने ही कुछ दिनों पहले प्रेस नोट जारी कर शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने केंद्र सरकार से नक्सल विरोधी अभियान को छह महीने के लिए रोकने का आग्रह किया था। रूपेश डीकेएसजेडसी के प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में हो रहा यह सामूहिक आत्मसमर्पण नक्सलवाद के अंत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह सरेंडर नक्सल संगठनों के बीच बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। कई वरिष्ठ नक्सली नेता मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं। सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की कार्रवाई ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया है। यह घटना छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
