Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में बड़ी सफलता मिली है। शुक्रवार को जगदलपुर में 140 से अधिक नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण की तैयारी है। ये सभी नक्सली मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। इससे पहले पूर्व उत्तर पश्चिम सब जोनल प्रभारी रूपेश ने अन्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की अपील की है।
रूपेश उर्फ तक्कलापल्ली वशुदेव राव नक्सल संगठन के प्रवक्ता रह चुके हैं। उन्होंने अपने साथियों के नाम एक भावनात्मक अपील जारी की। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण का निर्णय किसी दबाव में नहीं लिया गया। यह फैसला वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है।
रूपेश की अन्य नक्सलियों के लिए अपील
रूपेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी नक्सली खुद को बचाएं। उन्होंने कहा कि पहले जिंदा रहना जरूरी है। उसके बाद ही आगे की दिशा तय की जा सकती है। उन्होंने माना कि कई साथी अभी भी संघर्ष की राह पर हैं।
रूपेश ने स्पष्ट किया कि अब हालात बदल चुके हैं। उन्होंने अन्य नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक करते हुए संपर्क करने को कहा। उन्होंने सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की सलाह दी।
जगदलपुर में ऐतिहासिक आत्मसमर्पण की तैयारी
पुलिस और प्रशासन ने जगदलपुर में सामूहिक आत्मसमर्पण कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली है। रूपेश के नेतृत्व में भैरमगढ़ क्षेत्र के 140 नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे। ये सभी नक्सली 100 से अधिक हथियार प्रशासन को सौंपेंगे। इस आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक माना जा रहा है।
इससे पहले कांकेर जिले के कामतेड़ा बीएसएफ कैंप में भास्कर मंडावी के नेतृत्व में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। लगातार हो रहे आत्मसमर्पण से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है। प्रशासन इसे बड़ी सफलता मान रहा है।
नक्सलवाद के खिलाफ सफल रणनीति
सुरक्षा बलों के लगातार ऑपरेशन और सरकार की विकास योजनाओं ने नक्सलियों का मनोबल तोड़ा है। बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जैसे इलाकों में सैकड़ों नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पिछले कुछ महीनों में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है।
सरकार की पुनर्वास नीति ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सली संगठन कमजोर हुए हैं। आम जनता का सहयोग मिलने से सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है।
जगदलपुर का सामूहिक आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के अंत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे प्रदेश में शांति और विकास के नए द्वार खुलेंगे। सरकार नक्सलियों के पुनर्वास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
