Delhi News: छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) द्वारा इस्तेमाल किए गए बाघ के पंजे के आकार के खंजर ‘वाघ नख’ (Wagh Nakh) की घर वापसी हो रही है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस बाघ के पंजे के आकार के खंजर का इस्तेमाल 1659 में बीजापुर सल्तनत (Bijapur sultanate) के सेनापति अफजल खान (Afzal Khan) को मारने के लिए किया था. अब इस खंजर को ब्रिटेन के अधिकारी वापस देने को सहमत हो गए हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार इस माह के आखिर में लंदन (London Tour) यात्रा करेंगे. इस यात्रा के दौरान विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय में प्रदर्शित इस वाघ नख को वापस लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
बताया जाता है कि अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो प्रसिद्ध वाघ नख (Wagh Nakh) की इस साल ही घर वापसी हो सकती है. मुनगंटीवार ने कहा, ‘इस बाबत ब्रिटेन के अधिकारियों से एक पत्र प्राप्त हुआ है. जिसमें कहा गया है कि वो छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का ‘वाघ नख’ वापस देने पर सहमत हो गए हैं. हिंदू कैलेंडर के आधार पर हम इसको उस घटना की सालगिरह वाले दिन वापस पा सकते हैं जब शिवाजी महाराज ने अफजल खान को मार डाला था. इसके अलावा वाघ नख को वापस लाने के तौर-तरीकों और कुछ अन्य तारीखों पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि यूके में शिवाजी महाराज की जगदंबा तलवार भी प्रदर्शित की गई है. उन्होंने कहा, ‘हम एमओयू पर हस्ताक्षर करने के अलावा अन्य वस्तुओं जैसे कि शिवाजी की जगदंबा तलवार को भी देखेंगे और इन्हें वापस लाने के लिए कदम उठाएंगे. हकीकत यह है कि वाघ नख वापस आ रहा है. यह महाराष्ट्र और उसके लोगों के लिए एक बड़ी बात होगी. अफजल खान की हत्या की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर के आधार पर 10 नवंबर है, लेकिन हम हिंदू तिथि कैलेंडर के आधार पर तारीखें तय कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ नख इतिहास का अमूल्य खजाना है और राज्य के लोगों की भावनाएं उसके साथ जुड़ी हुई हैं. इसका हस्तांतरण व्यक्तिगत जिम्मेदारी और सावधानी के साथ किया जाना चाहिए.
सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा जारी सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है, ‘इस पूरे मामले के लिए मंत्री मुनगंटीवार, प्रमुख सचिव संस्कृति (डॉ. विकास खड़गे) और राज्य के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय के निदेशक डॉ. तेजस गर्गे लंदन स्थित वी एंड ए और अन्य संग्रहालयों का दौरा करेंगे.’ 29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक तीन सदस्यीय टीम की 6 दिवसीय यात्रा पर महाराष्ट्र सरकार करीब 50 लाख रुपये खर्च करेगी. अधिकारियों ने कहा कि स्टील से बने वाघ नख में चार पंजे होते हैं जो पहली और चौथी उंगलियों के लिए दो छल्ले के साथ एक पट्टी पर लगे होते हैं.