Bihar News: दरभंगा के लहेरियासराय जेल में छठ पूजा का आयोजन किया गया है। इस बार 39 कैदियों ने इस पवित्र व्रत को रखा है। इनमें 24 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। जेल प्रशासन ने सभी व्रतियों के लिए नए कपड़े और पूजा सामग्री उपलब्ध कराई है। छह साल से कम उम्र के बच्चों को भी नए कपड़े दिए गए हैं।
जेल अधीक्षक स्नेहलता ने बताया कि व्रतियों के लिए एक विशेष वार्ड की व्यवस्था की गई है। पूरे जेल परिसर की अच्छी सफाई कराई गई है। छठ व्रत के लिए दो अलग-अलग घाट बनाए गए हैं। एक घाट पर पुरुष श्रद्धालु पूजा करेंगे जबकि दूसरे पर महिलाएं।
घाटों को खूबसूरती से सजाया गया है। रोशनी का विशेष प्रबंध किया गया है। सभी व्रतियों में इस पर्व को लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है। वे छठी मैया से अच्छा नागरिक बनने की कामना कर रहे हैं।
बेनीपुर जेल में भी छठ उत्सव
बेनीपुर की उपकारा जेल में भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां आधा दर्जन से अधिक विचाराधीन कैदी इस पर्व में शामिल हुए हैं। जेल प्रशासन ने उनके लिए सभी जरूरी सामग्री मुहैया कराई है।
जेल परिसर के अंदर ही एक छोटे तालाब को सजाया गया है। इस तालाब पर कैदी अर्घ्य देंगे। सात बंदी इस पर्व को विधिवत मना रहे हैं। इनमें जयमाला देवी, रूबी देवी और उषा देवी जैसी महिला कैदी शामिल हैं।
खरना प्रसाद का वितरण
रविवार को मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर खरना का प्रसाद तैयार किया गया। इस प्रसाद को सभी छठ व्रतियों ने मिलकर बनाया। पूरी जेल के 226 विचाराधीन कैदियों को इस प्रसाद का वितरण किया गया।
व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए नए वस्त्र दिए गए हैं। फल, फूल और अन्य पूजन सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। घाट को रंगोली और बिजली की लाइटों से सजाया गया है। यह दृश्य मनमोहक बन पड़ा है।
जेल प्रशासन का सहयोग
जेल अधीक्षक ने सभी व्रतियों से नियम निष्ठा से पूजा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर वे बेझिझक बता सकते हैं। जेल प्रशासन हर संभव मदद करेगा।
अधीक्षक ने बंदियों से अपराध छोड़ने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जेल से बाहर जाने के बाद सामान्य जीवन व्यतीत करें। अच्छे काम करें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।
व्रतियों में उत्साह
सभी व्रती इस पर्व को लेकर काफी उत्साहित हैं। वे जेल के अंदर रहकर भी पूरी श्रद्धा के साथ छठ मना रहे हैं। यह दृश्य देखकर जेल कर्मचारी भी प्रसन्न हैं। सभी ने मिलकर इसकी तैयारी की है।
छठ पूजा की तैयारियां अब अंतिम दौर में हैं। घाटों पर सजावट का काम पूरा होने वाला है। व्रतियों ने सभी नियमों का पालन शुरू कर दिया है। वे सूर्य देव की आराधना के लिए तैयार हैं।
सामाजिक सद्भाव का संदेश
जेल के अंदर छठ पूजा का आयोजन एक सराहनीय कदम है। इससे कैदियों का मनोबल बढ़ता है। वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। यह उनके पुनर्वास में मददगार साबित होता है।
जेल प्रशासन की इस पहल से एक सकारात्मक संदेश जाता है। यह दर्शाता है कि हर इंसान को अपनी आस्था के अनुसार पूजा करने का अधिकार है। इससे कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
