Global News: कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्लेटफॉर्म ChatGPT से जब एक मजाकिया सवाल पूछा गया तो जवाब ने सभी को हैरान कर दिया। सवाल था कि अगर पूरी दुनिया खत्म होने वाली हो और सिर्फ एक देश की आबादी को बचाना हो तो किसे चुना जाए। ChatGPT ने अपने जवाब में भारत का नाम लिया। इसके पीछे उसने कई व्यावहारिक कारण गिनाए हैं।
ChatGPT के मुताबिक भारत की विशाल और युवा आबादी इसे एक आदर्श विकल्प बनाती है। आनुवंशिक विविधता की दृष्टि से यहां की जनसंख्या बेहद मजबूत है। यह विविधता मानव प्रजाति के दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इससे नई पीढ़ियों को जन्म देने और एक मजबूत भविष्य बनाने में मदद मिलेगी।
भारत का भूगोल भी एक बड़ा फायदा प्रदान करता है। यहां रेगिस्तान, पहाड़, मैदान और समुद्र तट जैसे विविध भूभाग मौजूद हैं। यह विविधता अलग-अलग पर्यावरणीय परिस्थितियों में मानव जीवन के अनुकूलन में सहायक साबित हो सकती है। एक ही देश में इतने प्रकार के पर्यावास दुर्लभ हैं।
कौशल और ज्ञान का भंडार
भारत की लंबी कृषि परंपरा और स्थानीय फसलों का ज्ञान एक नई सभ्यता की नींव रखने में मददगार होगा। देश में डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और किसानों का एक बड़ा वर्ग मौजूद है। ये विशेषज्ञ नई दुनिया के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। तकनीकी और चिकित्सा कौशल पुनर्निर्माण के लिए जरूरी हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता भी एक बड़ा सहारा बनेगी। भारत में अलग-अलग भाषाएं, रीति-रिवाज और जीवनशैलियां मौजूद हैं। यह विविधता सहनशीलता और ज्ञान के संरक्षण में मदद करती है। ग्रामीण क्षेत्र पहले से ही सीमित संसाधनों में जीवन यापन में माहिर हैं।
आबादी का चयन कैसे होगा?
ऐसे संकट की स्थिति में आबादी के एक समूह का चयन एक बड़ी चुनौती होगी। ChatGPT के सुझाव के अनुसार एक संतुलित मिश्रण तैयार करना होगा। इसमें प्रजनन कर सकने वाले युवा, अनुभव के लिए बुजुर्ग और भविष्य के लिए बच्चे शामिल होंगे। ज्ञान का हस्तांतरण जारी रखना बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य, प्रशासन, शिक्षा, ऊर्जा और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाएगी। मानसिक रूप से मजबूत लोगों का चयन भी महत्वपूर्ण होगा। संकट के बाद के गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव को सहन करने के लिए यह जरूरी है। एक सक्षम और न्यायपूर्ण नेतृत्व व्यवस्था बनाए रखेगा।
जरूरी संसाधन और तैयारी
बचाई गई आबादी के लिए संसाधनों का प्रबंधन पहले से करना होगा। बीजों का भंडार, पशुधन, दवाइयां और पानी शुद्ध करने के उपकरण जरूरी होंगे। ऊर्जा के मॉड्यूलर स्रोत और ज्ञान के डिजिटल रिकॉर्ड भी तैयार रखने होंगे। यह सब मानव सभ्यता को दोबारा खड़ा करने में मदद करेगा।
बस्तियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में बसाना एक समझदारी भरा कदम होगा। इससे किसी एक आपदा से पूरी आबादी के खत्म होने का खतरा कम हो जाएगा। विविध भौगोलिक क्षेत्रों में बसने से अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित होगी।
यह पूरा परिदृश्य पूरी तरह से काल्पनिक है। इसका उद्देश्य मानवता के भविष्य पर एक विचार-विमर्श शुरू करना है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस जवाब ने भारत की क्षमताओं को रेखांकित किया है। हालांकि ऐसी स्थिति वास्तव में कभी न आए, फिर भी यह जानना दिलचस्प है कि AI भारत को मानवता के भविष्य के लिए एक मजबूत आधार मानता है।
