Orem News: यूटा वैली यूनिवर्सिटी परिसर में रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या के मामले में आरोपी टायलर रॉबिन्सन पर सात गंभीर आरोप तय किए गए हैं। अदालत ने मंगलवार को आरोप पत्र स्वीकार करते हुए आरोपी के लिए सरकारी वकील नियुक्त करने का आदेश दिया। इस घटना ने राजनीतिक हिंसा पर राष्ट्रव्यापी बहस छेड़ दी है।
अभियोजन पक्ष ने 22 वर्षीय रॉबिन्सन पर जानबूझकर हत्या का आरोप लगाया है। इस आरोप में दोषी पाए जाने पर उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। आरोप पत्र में कहा गया है कि हमला पीड़ित की राजनीतिक मान्यताओं के कारण किया गया था, जिससे अपराध की गंभीरता और बढ़ जाती है।
रॉबिन्सन पर घातक हथियार से हमला करने का भी अलग से आरोप है। इसके अतिरिक्त, उस पर न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया गया है। ये सभी आरोप उसके खिलाफ मजबूत सबूतों पर आधारित बताए जा रहे हैं।
इस मामले में आरोपी के परिवार ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। गिरफ्तारी के बाद से उन्होंने किसी भी मीडिया प्रतिनिधि से बात करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। उनकी ओर से चुप्पी ने इस मामले में और भी रहस्य पैदा कर दिया है।
चार्ली किर्क कौन थे?
चार्ली किर्क एक प्रमुख रूढ़िवादी कार्यकर्ता और ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ के सह-संस्थापक थे। यह संगठन एक गैर-लाभकारी राजनीतिक समूह है जो कॉलेज परिसरों में सक्रिय है। किर्क पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी के रूप में भी जाने जाते थे।
दस सितंबर की शाम को किर्क यूनिवर्सिटी में आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान हुई गोलीबारी में उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद उनकी मौत की पुष्टि कर दी गई।
पोप ने जताई संवेदना
इस घटना पर दुनिया भर में प्रतिक्रियाएं आई हैं। पोप लियो चौदहवें ने भी इस मामले में गहरा दुख व्यक्त किया है। वेटिकन सिटी में अमेरिकी राजदूत से मुलाकात के दौरान पोप ने कहा कि वह किर्क, उनकी पत्नी और बच्चों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
वेटिकन के प्रवक्ता मत्तेओ ब्रूनी के अनुसार, पोप ने राजनीतिक हिंसा पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी बयानबाजी और रवैया नहीं अपनाना चाहिए जो समाज में ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे। उनका कहना था कि संवाद ही समाधान का एकमात्र रास्ता है।
यह घटना अमेरिका में बढ़ रही राजनीतिक हिंसा की एक और कड़ी के रूप में सामने आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले की जांच और सुनवाई पर देशभर की नजर रहेगी। आगामी कानूनी प्रक्रिया इस तरह के मामलों के लिए एक मिसाल कायम कर सकती है।
