New Delhi News: साल का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण रविवार रात देशभर में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। यह खगोलीय घटना रात 9:58 बजे शुरू हुई और सोमवार तड़के 1:26 बजे समाप्त हुई। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट रही।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो गया था। सूतक काल के दौरान विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस दौरान भोजन पकाना और ग्रहण करना वर्जित माना जाता है।
सूतक काल में इन बातों का रखें ध्यान
सूतक काल शुरू होने से पहले ही भोजन बनाकर खा लेना चाहिए। ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्यों की मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। उन्हें ग्रहण काल में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के समय सोना और भोजन करना वर्जित माना जाता है। स्वास्थ्य कारणों से गर्भवती महिलाएं ताजे फल और आवश्यक दवाइयां ले सकती हैं। पहले से बना हुआ भोजन ग्रहण से पहले हटा देना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद ताजा भोजन बनाना चाहिए।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है। यह तब होती है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। भारत में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
खगोल प्रेमियों ने इस दुर्लभ खगोलीय घटना का लुत्फ उठाया। टेलीस्कोप और अन्य उपकरणों की मदद से लोगों ने चंद्रग्रहण का निरीक्षण किया। इस प्रकार के खगोलीय events विज्ञान में विशेष महत्व रखते हैं।
