शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

चंडीगढ़-मनाली हाईवे: भूस्खलन और बाढ़ से तबाह मार्ग पर अब बनेंगी सुरंगें और फ्लाईओवर, NHAI ने जारी किए 100 करोड़

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Kullu News: चंडीगढ़-मनाली हाईवे के कीरतपुर से मनाली तक के फोरलेन को भारी नुकसान हुआ है। पिछले दो साल में प्राकृतिक आपदाओं और व्यास नदी की बाढ़ ने मंडी से मनाली के खंड को तहस-नहस कर दिया है। इस गंभीर स्थिति के बीच एनएचएआई ने तत्काल बहाली के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। स्थायी समाधान के तौर पर सुरंगों और फ्लाईओवर के निर्माण की योजना बनाई जा रही है।

एनएचएआई अध्यक्ष ने की समीक्षा बैठक

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। उन्होंने मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और शिमला क्षेत्रीय कार्यालय के टीम के साथ हालात का जायजा लिया। इस बैठक में पंडोह-टकोली और कुल्लू-मनाली खंड पर तुरंत काम शुरू करने के निर्देश दिए गए।

दो दिन में स्वीकृत हुए 100 करोड़ रुपये

तेजी से काम शुरू करने के लिए एनएचएआई ने राशि जारी कर दी है। पहले ही 40 करोड़ रुपये सड़क सुधार कार्य के लिए मंजूर किए गए थे। अब अतिरिक्त 60 करोड़ रुपये अल्पकालिक मरम्मत कार्यों के लिए दिए गए हैं। इस तरह कुल एक सौ करोड़ रुपये की धनराशि से मनाली हाईवे को दोबारा चालू किया जाएगा।

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दस जगह पूरी तरह बह गया है हाईवे

बाढ़ के पानी के तेज वेग ने हाईवे के कई हिस्सों को बहा दिया है। कुल्लू और मनाली खंड पर ऐसे दस स्थान हैं जो पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। इसके अलावा छह अन्य स्थानों पर आंशिक क्षति हुई है। इस वजह से मनाली का प्रदेश के बाकी हिस्सों से सीधा संपर्क टूट गया है।

वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त

लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए वैकल्पिक मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है। इस कारण अब केवल छोटे वाहनों को ही इस रास्ते से जाने की अनुमति दी जा रही है। एनएचएआई ने इस वैकल्पिक मार्ग की मरम्मत के लिए भी वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। इससे यातायात में हो रही दिक्कतों को कम किया जा सकेगा।

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स्थायी समाधान की तैयारी

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थायी समाधान पर काम किया जा रहा है। इसके तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें सुरंगों के निर्माण और ऊंचे ढांचों जैसे उपायों पर विचार हो रहा है। संवेदनशील इलाकों के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जा रही है।

चार और सात मील में बनेंगी सुरंगें

योजना के अनुसार चार मील और सात मील के क्षेत्र में सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव को एनएचएआई मुख्यालय भेजा गया है। इन सुरंगों के बनने से भूस्खलन और बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी। साथ ही यात्रा का समय भी कम होगा।

क्षेत्रीय कार्यालय को जारी हुआ धन

एनएचएआई अध्यक्ष ने बताया कि शिमला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को पर्याप्त धनराशि जारी कर दी गई है। उपलब्ध ठेकेदारों को युद्धस्तर पर काम शुरू करने के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही बारिश और बाढ़ से क्षतिग्रस्त अन्य स्थानों की मरम्मत का काम भी शुरू होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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