Chamba News: चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। रविवार रात नैनीखड्ड क्षेत्र में हुए इस भूस्खलन ने मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। बारह घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मार्ग पूरी तरह से बहाल नहीं हो सका है। सैकड़ों वाहन और यात्री इस समस्या से प्रभावित हुए हैं।
रविवार रात लगभग ग्यारह बजे पहाड़ के दरकने से यह घटना घटी। मलबा सड़क पर आ गिरा जिससे आवाजाही बंद हो गई। रात के अंधेरे और लगातार पत्थर गिरने के कारण तुरंत राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका। इससे फंसे यात्रियों को कठिन परिस्थितियों में रात बितानी पड़ी।
कई यात्रियों ने अपनी गाड़ियों में ही रात गुजारी। उनके पास भोजन और पानी की कमी थी। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से कष्टदायक रही। सुबह तक कई लोग भूखे-प्यासे रहे जब तक कुछ सहायता नहीं पहुंची।
आपूर्ति श्रृंखला पर प्रभाव
राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से चंबा जिले की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है। दूध, सब्जियां और अन्य आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहन फंस गए हैं। इससे स्थानीय बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की कमी होने की आशंका है। जिले का बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया है।
सोमवार सुबह बारिश कम होते ही एनएचएआई की मशीनरी मलबा हटाने के काम में जुट गई। हालांकि, मलबे की अधिक मात्रा और लगातार पत्थर गिरने से कार्य में बाधा आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से रात में काम शुरू करना संभव नहीं था।
स्थानीय लोगों की चिंताएं
स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने आपदा प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस संवेदनशील क्षेत्र में पहले से बेहतर इंतजाम होने चाहिए। हर वर्ष मानसून में इस मार्ग पर भूस्खलन की घटनाएं होती हैं। लोगों ने सुरक्षा दीवारों और सुरंगनुमा शेल्टर बनाने की मांग की है।
चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने लोगों से धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि मार्ग बहाली का काम तेजी से चल रहा है। लगातार पत्थर गिरने से काम में दिक्कत आ रही है लेकिन जल्द ही मार्ग खोल दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अनावश्यक यात्रा टालने का भी अनुरोध किया।
