Himachal News: चम्बा जिले के सलूणी उपमंडल के एक स्कूल में शिक्षक पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक छात्रा ने शिक्षक पर मोबाइल पर अश्लील सामग्री दिखाकर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने छात्रा के बयान दर्ज कर लिए हैं। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मैजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किए गए।
पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएमसी सदस्यों के बयान के आधार पर यह कदम उठाया गया। आरोपी को थाने में तलब किया गया है। उससे पूछताछ की जाएगी। मामले की तफ्तीश जारी है।
छात्रा ने मां को बताई पूरी घटना
छात्रा ने सबसे पहले यह बात अपनी मां को बताई। इसके बाद मां ने स्कूल पहुंचकर हंगामा किया। शिक्षक ने गलती मानते हुए माफीनामा लिख दिया। उसने घटना स्थल पर ही लिखित माफीनामा दिया। किसी अज्ञात व्यक्ति ने इस माफीनामे को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
सोशल मीडिया पर माफीनामा वायरल हो गया। इससे संवेदनशील मामले में विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे। शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। विभाग ने जांच शुरू कर दी और शिक्षक को निलंबित कर दिया। विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षक की ड्यूटी रोक दी।
पुलिस ने दर्ज किए कानूनी बयान
एएसपी चम्बा हितेश लखनपाल ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि छात्रा के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कर लिए गए हैं। यह बयान कानूनी रूप से महत्वपूर्ण सबूत माना जाएगा। मामले में आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के भी बयान दर्ज किए हैं। स्थानीय लोगों से भी जानकारी एकत्र की जा रही है। आरोपी शिक्षक से थाने में पूछताछ की तैयारी है। पुलिस मामले की सभी जांच को गंभीरता से ले रही है।
शिक्षा विभाग ने की त्वरित कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कदम उठाए। विभाग ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। आंतरिक जांच समिति गठित की गई है। समिति घटना की सभी परिस्थितियों की जांच करेगी। स्कूल प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर विचार किया जा रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जाएंगे।
स्थानीय समुदाय ने विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। स्कूलों को छात्राओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए। अभिभावकों ने भी इस मामले में गंभीर चिंता जताई है।
