Himachal News: चम्बा जिले के मैहला विकास खंड में एक स्कूली बच्चे के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक शिक्षक ने आठ वर्षीय बच्चे को इतनी पीटा कि उसके कान का पर्दा फट गया। बच्चे का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। शिक्षा विभाग ने तुरंत जांच शुरू कर दी है।
विभाग ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है। टीम में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुनारा के प्रधानाचार्य, बीईओ मैहला और सीएचटी शामिल हैं। जांच टीम ने मंगलवार को स्कूल का निरीक्षण किया और आरोपी शिक्षक से पूछताछ की।
जांच प्रक्रिया और कार्रवाई
जांच टीम ने स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में पूरे मामले की छानबीन की। टीम अब अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी। स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है।
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक चम्बा बलवीर सिंह ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से यह मामला सामने आया। उन्होंने तत्काल जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए। विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर रहा है।
बच्चे की मेडिकल स्थिति
पीड़ित बच्चे का इलाज मेडिकल कॉलेज में जारी है। डॉक्टरों ने कान के पर्दे में चोट की पुष्टि की है। बच्चे के परिजनों ने उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। वीडियो में बच्चा बताता है कि शिक्षक ने कक्षा में शोर मचाने पर उसका कान खींचा।
बच्चे ने कहा कि उसने घर में डांट पड़ने के डर से यह बात किसी को नहीं बताई। अब जब चोट गंभीर हो गई तो मामला सामने आया। बच्चे का इलाज पूरी तरह से सरकारी खर्चे पर हो रहा है।
शिक्षक का पक्ष
आरोपी शिक्षक ने खुद का बचाव करते हुए एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने खुद को बेकसूर बताया है। शिक्षक का कहना है कि उन्होंने बच्चे को केवल डांटा था। उन्होंने किसी भी तरह की मारपीट से इनकार किया है।
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग अभिभावकों के पक्ष में हैं तो कुछ शिक्षक के समर्थन में बयान दे रहे हैं। अंतिम निर्णय जांच रिपोर्ट के आधार पर ही होगा।
शिक्षा विभाग की भूमिका
शिक्षा विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। जिला स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर जांच में शामिल हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि गलती पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। बच्चों की सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस मामले ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चों के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग ने सभी स्कूलों को बच्चों के साथ संवेदनशील व्यवहार करने के निर्देश दिए हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा रहे हैं।
