Delhi News: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती का मामला तेजी से बदल रहा है। छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में न्यायिक हिरासत में बंद चैतन्यानंद की जब्ती मेमो की कॉपी देने की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट में आरोपी के साधु वस्त्र पहनने की अनुमति को लेकर भी गरमागरम बहस हुई। अदालत ने पुलिस की ओर से की गई टिप्पणी को अनावश्यक बताया।
जब्ती मेमो की कॉपी देने की मांग को लेकर कोर्ट का रुख स्पष्ट रहा। आरोपी के वकील ने दलील दी कि नए बीएनएसएस कानून के तहत ऐसी कोई रोक नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि जब्त दस्तावेजों का इस्तेमाल अन्य मामलों में किया जा सकता है। अतिरिक्त लोक अभियोजक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि चार्जशीट दाखिल होने से पहले कॉपी देना नियमों के खिलाफ है। अदालत ने इसी तर्क को स्वीकार करते हुए मांग खारिज कर दी।
साधु की पहचान को लेकर कोर्ट में बहस
मामले ने तब और तूल पकड़ा जब दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि चैतन्यानंद सरस्वती साधु हैं ही नहीं। पुलिस ने कोर्ट में तर्क दिया कि उन्हें साधु वस्त्र पहनने की इजाजत देना जेल में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है। आरोपी के वकील मनीष गांधी ने इसका तीखा विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल को दीक्षा मिली है और उनका नाम पहले पार्थसारथी था। उन्होंने जेल मैनुअल का हवाला देते हुए कहा कि विचाराधीन कैदी को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की इजाजत है।
अदालत ने पुलिस की ओर से की गई टिप्पणी पर सहमति जताते हुए कहा कि कपड़ों और किताबों पर कोई रोक नहीं है। कोर्ट ने पुलिस की टिप्पणी को अनावश्यक बताते हुए साफ किया कि इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है। अदालत ने जेल प्रशासन को जेल मैनुअल के अनुसार विचार करने का निर्देश दिया।
जेल में विशेष सुविधाओं की मंजूरी
चैतन्यानंद सरस्वती ने जेल में कई सुविधाओं की मांग की थी। अदालत ने उनकी दवाइयां, चश्मा और विशेष भोजन की मांग को मंजूर कर लिया है। आरोपी ने बिना प्याज-लहसुन वाले भोजन की अनुमति मांगी थी। साथ ही उन्होंने आध्यात्मिक किताबें और अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया था। अदालत ने इन मांगों पर पुलिस से जवाब दाखिल करने को कहा है।
आरोपों की गंभीरता और वर्तमान हिरासत
पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 अक्टूबर को चैतन्यानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। यह हिरासत 17 अक्टूबर तक जारी रहेगी। यह मामला वसंत कुंज स्थित एक निजी प्रबंधन संस्थान में 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप से जुड़ा है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि चैतन्यानंद ने उन्हें परीक्षा में फेल करने और भविष्य बर्बाद करने की धमकी देकर यौन शोषण किया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर में बुलाया। उन पर अनुचित संदेश भेजने के भी आरोप हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी के पास छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी मॉनिटरिंग ऐप था। दिल्ली पुलिस ने आरोपी से जुड़े कई बैंक खातों और सावधि जमाओं में जमा आठ करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं।
मामले की अगली सुनवाई का इंतजार
चैतन्यानंद सरस्वती फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए मामला अब दूसरे न्यायाधीश के पास भेजा गया है। पहले न्यायाधीश ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मामले से खुद को अलग कर लिया था। आरोपी के वकील द्वारा दायर जमानत याचिका पर अब सोमवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। इस बीच अदालत ने जेल में आरोपी की बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान को सुनिश्चित किया है।
